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    परीक्षा विद्यार्थियों की... मूल्यांकन शिक्षकों का, सीबीएसई कर रहा दक्षता परीक्षण के लिए खास पहल

    By Amit Tiwari Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 01:30 PM (IST)

    सीबीएसई स्कूलों में शिक्षकों की दक्षता का मूल्यांकन करने के लिए 'सफल' नामक एक डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली का उपयोग कर रहा है। यह प्रणाली, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, कक्षा छह और नौ के छात्रों के लिए आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य शिक्षण-प्रक्रिया को बेहतर बनाना है, न कि छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा कराना। मूल्यांकन पारदर्शिता और निगरानी के साथ किया जा रहा है, और रिपोर्ट केवल स्कूलों के साथ साझा की जाएगी।

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    पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय पंजाब लाइंस में मंगलवार को सफल परीक्षा देते विद्यार्थी। सौ. विद्यालय

    जागरण संवाददाता, मेरठ। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर यह परखना शुरू कर दिया है कि शिक्षक आखिर पढ़ाने में कितने दक्ष हैं। बोर्ड ने संबद्ध विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और दक्षता-आधारित सीखने को और मजबूत करने के उद्देश्य से सफल के तहत विद्यार्थियों का डिजिटल मूल्यांकन शरू कर दिया है।

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    स्ट्रक्चर्ड असेस्मेंट फार एनलाइजिंग लर्निंग (सफल), एक दक्षता-आधारित मूल्यांकन प्रणाली है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप जुलाई 2021 में लांच किया गया था। यह मूल्यांकन कक्षा छह और नौवीं के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया जा रहा है। सीबीएसई की ओर से जारी शेड्यूल के अनुरूप स्कूलों में उक्त दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों का विषयवार आनलाइन मूल्यांकन चल रहा है। इस वर्ष नवंबर–दिसंबर के दौरान सफल का डिजिटल मोड में संचालन किया जा रहा है।

    पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय पंजाब लाइंस के प्राचार्य राज कुमार शर्मा के अनुसार इसे प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि डायग्नोस्टिक मूल्यांकन के तौर पर आयोजित किया जा रहा है। सफल परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की दक्षताओं का पता लगाना है, न कि किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा कराना। यह न तो योग्यता परीक्षा है और न ही कोई प्रमाणन परीक्षा। इसके लिए कोई अतिरिक्त तैयारी नहीं कराई गई है। यह दक्षता आधारित मूल्यांकन है, इसलिए किसी विशेष तैयारी या अतिरिक्त कक्षा पर जोर नहीं दिया गया। इसमें रोजमर्रा की शिक्षण प्रक्रिया के आधार पर ही छात्रों की सीख का स्तर देखा जा रहा है। इसमें भाग लेने वाले हर स्कूल को केवल अपनी रिपोर्ट ही उपलब्ध कराई जाएगी। किसी भी स्कूल की तुलना दूसरे स्कूल से नहीं की जाएगी।

    सफल की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी और न ही किसी अन्य स्कूल से साझा की जाएगी। इसका उद्देश्य है कि स्कूल अपने शिक्षण-प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए रिपोर्ट का अधिकतम उपयोग कर सके। इसका मूल उद्देश्य विद्यालय में शिक्षण-पद्धति की गुणवत्ता को परखना और सुधारना है। सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि मूल्यांकन पूरी पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और मानक प्रक्रियाओं के अनुसार स्कूल-स्तर पर ही कराया जाए। इसे स्कूल के कंप्यूटर लैब में शिक्षकों की निगरानी और सीसीटीवी की निगरानी में किया जा रहा है। डिजिटल मोड में आयोजित इस मूल्यांकन के दौरान सभी तकनीकी गतिविधियों के फुटप्रिंट रिकार्ड में रखे जा रहे हैं और बाद में डाटा की जांच भी की जाएगी। यह परीक्षा दिसंबर के पहले सप्ताह तक चलेगी।