CBSE Board Exam Update: सिर्फ ये बच्चे ही दे सकेंगे साल में 2 बार एग्जाम, छह प्वॉइंट में समझिए सभी शर्तें
सीबीएसई 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार लेगा। पहली परीक्षा फरवरी के मध्य में अनिवार्य होगी, जबकि दूसरी मई में होगी। दूसरी परीक्षा छात्रों को अधिकतम तीन विषयों में अपना प्रदर्शन सुधारने का अवसर देगी। दोनों में से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को अंतिम परिणाम में गिना जाएगा। पहली परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है, अन्यथा दूसरी परीक्षा नहीं दे पाएंगे। यह व्यवस्था छात्रों को बेहतर परिणाम प्राप्त करने का अतिरिक्त मौका देगी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा वर्ष में दो बार ली जाएगी। इसकी अपेक्षा इस सत्र के शुरुआत से ही थी... क्योंकि सीबीएसई ने स्कूलों से फीडबैक लेने शुरू कर दिए थे। फिलहाल 10वीं में ही यह व्यवस्था लागू की जा रही है। पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी के मध्य में शुरू होगी।
अब तक एकल बोर्ड परीक्षा व्यवस्था में भी बोर्ड परीक्षा उसी समय शुरू होती थी। सीबीएसई ने जून में ही स्थिति साफ कर दी है, ऐसे में स्कूलों के पास 10वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों को तैयारी कराने के लिए पूरे सात महीने का समय है। पहली परीक्षा में यदि किसी विषय में प्रदर्शन खराब रह जाता है तो विद्यार्थी मई में दूसरी बोर्ड परीक्षा में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व भाषाओं में से अधिकतम तीन विषयों का पेपर दे सकेंगे।
दूसरी बोर्ड परीक्षा विद्यार्थियों को अपना परिणाम बेहतर करने का एक अवसर मात्र होगा.. इसलिए ऐसा कतई न समझें कि दोनों में से किसी एक बोर्ड परीक्षा में शामिल होने से काम चल जाएगा। यदि परीक्षार्थी पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होंगे तो वह में भी शामिल नहीं हो सकेंगे।
इन शर्तों को ध्यान में रखें
- सभी विद्यार्थियों का पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य
- दूसरी बोर्ड परीक्षा में किन्हीं तीन विषयों में प्रदर्शन बेहतर करने का अवसर।
- यदि छात्र पहली बोर्ड परीक्षा में तीन या अधिक विषयों की परीक्षा नहीं देता है तो दूसरी बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।
- ऐसे छात्रों को आश्वयक पुनरावृत्ति में रखा जाएगा और फरवरी 2027 की मुख्य परीक्षा संग ही परीक्षा दे सकेंगे।
- 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद अतिरिक्त विषयों में परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिलेगी।
- स्कूलों में मुख्य परीक्षाओं से पहले केवल एक बार आंतरिक मूल्यांकन होगा।
विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई की ओर से बेहतर अवसर प्रदान किया जा रहा है। विद्यार्थी अपना प्रदर्शन सुधार सकेंगे। कंपार्टमेंट की तुलना में दो बोर्ड परीक्षा में जून अंत तक अंतिम रिजल्ट और मार्कशीट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ही दिखेगा। अब तक इम्प्रूवमेंट के अंक अलग से दिखते हैं। -संगीता कश्यप, प्रिंसिपल, राधा गोविंद पब्लिक स्कूल -
हम लोग सीबीएसई के इस निर्णय का स्वागत करने के साथ ही इसे लागू करने के लिए भी तैयार हैं। पहले इस व्यवस्था को लेकर बहुत से प्रश्न मन में थे, जिनको लेकर अब स्थिति काफी साफ है। आने वाले समय में सीबीएसई की ओर से और भी स्पष्ट दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे। -वीनू अग्रवाल, प्रिंसिपल, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल
वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 में अधिकांश विद्यालय इस परिवर्तन के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। हालांकि यदि सीबीएसई समयबद्ध मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और मोड्यूल आधारित सहायता प्रदान करे तो यह बदलाव एक प्रभावी दिशा ले सकता है। -रश्मि मिश्रा, प्रिंसिपल, सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल
हर वर्ष बोर्ड परीक्षा मध्य फरवरी में ही शुरू होती है। उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहली और मुख्य बोर्ड परीक्षा भी मध्य फरवरी में ही शुरू होगा। ऐसे में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो रहा है, जिससे पाठ्यक्रम पूरा करने या अन्य पठन-पाठन व्यवस्था बाधित होगी। मेरे ख्याल से सभी को इसका स्वागत करना चाहिए। विद्यार्थियों को भी प्रदर्शन बेहतर करने का एक अतिरिक्त अवसर मिलेगा। -गोपाल दीक्षित, डिप्टी सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई
पहली बोर्ड परीक्षा 17 फरवरी से छह मार्च के बीच और दूसरी बोर्ड परीक्षा पांच से 20 मई के बीच होगी। पहली परीक्षा अनिवार्य तो दूसरी वैकल्पिक होगी। दोनों परीक्षाओं के लिए आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार ही होगा। पाठ्यक्रम एक समान रहेगा। परीक्षा केंद्र एक ही रहेंगे। विद्यार्थियों को भी केवल पहली परीक्षा के पहले ही पंजीकरण शुल्क देना होगा। -सुधांशु शेखर, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई
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