Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Meerut News: कार्तिक हत्याकांड, छात्रा को तरुण के भाई ने तीन माह पहले किया था प्रपोज, स्कूल में हुई थी पंचायत

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sat, 21 Jan 2023 07:24 AM (IST)

    Meerut News छात्रा की आदित्य से दोस्ती और तरुण के भाई की जिद से थे सब वाकिफ। पुलिस ने स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के भी बयान दर्ज किए। कार्तिक की हत् ...और पढ़ें

    Hero Image
    Meerut News: बीएससी के छात्र कार्तिक भड़ाना हत्याकांड।

    मेरठ, जागरण टीम। मेरठ में बीएससी के छात्र कार्तिक भड़ाना हत्याकांड का तानाबाना तीन महीने पहले ही बुन गया था। आरोपित तरुण शर्मा के नाबालिग भाई के छात्रा को स्कूल परिसर में प्रपोज करने पर छात्रा और आरोपित के स्वजन की पंचायत हुई थी। पूरे मामले को दबा दिया गया था। इसके बाद कक्षा में सभी को आदित्य से छात्रा की दोस्ती और तरुण के भाई की जबरदस्ती के बारे जानकारी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्कूल प्रशासन ने मामले को दबाकर रखा

    कई बार आदित्य और तरुण का भाई स्कूल के अंदर भी आमने-सामने आ चुके थे। तब भी स्कूल प्रशासन ने पूरे मामले को दबाकर रखा। यदि उसी समय पुलिस को सूचना दी जाती तो शायद कार्तिक को बचाया जा सकता था। पुलिस शिक्षकों और छात्रों के बयान दर्ज कर रही है, जिसमें छात्रा की दोस्ती का मामला उजागर हो रहा है। माना जा रहा है कि छात्रा की तरफ से भी छेड़छाड़ का मुकदमा आरोपितों पर दर्ज किया जा सकता है।

    चाकू से गोदकर हुई थी कार्तिक की हत्या

    जागृति विहार में गुरुवार को बीएससी के छात्र कार्तिक भड़ाना की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। खरखौदा के फफूंडा गांव निवासी ललित ने तरुण शर्मा, उसके नाबालिग छोटा भाई निवासी जागृति विहार, आकाश उर्फ अक्की निवासी फतेहपुर किठौर, अंकुर व गौरव उर्फ बाबा निवासी कालियागढ़ी, एक नाबालिग और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तरुण शर्मा को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया, जबकि नाबालिग आरोपित को जुवेनाइल कोर्ट में पेश कर किशोर गृह भेज दिया है। अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस दबिश डाल रही है।

    ये भी पढ़ें...

    Mathura: बेजुबान के साथ क्रूरता की हदें पार, युवक ने पेट्रोल डालकर कुतिया को जलाया,गंभीर, हिरासत में आरोपित

    समय से उपचार मिलता तो बच सकती थी कार्तिक की जान

    कार्तिक के पिता संजय ने बताया कि हमलावरों ने कार्तिक को अकेला घेरा था। अन्य भाग गए थे। घायल कार्तिक काफी देर तक मौके पर पड़ा रहा। यदि साथी समय रहते कार्तिक को अस्पताल ले जाते तो शायद जान बच सकती थी। पूरे घटनाक्रम की जानकारी के लिए गुरुवार की रात दो बजे तक कार्तिक के दोस्तों को उठाया गया। तब भी परिवार के लोगों ने उन्हें थाने तक जाने की इजाजत नहीं दी। उसके बाद भी हमारी तरफ से आरोपितों को ही नामजद किया गया है, ताकि कोई भी निर्दोष इस हत्याकांड का हिस्सा नहीं बन पाए।

    राज्यमंत्री और विधायक ने दी सांत्वना

    शुक्रवार को राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और सरधना विधायक अतुल प्रधान प्रवेश विहार में मृतक के घर पर पहुंचे। स्वजन को भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं। पूरे घटनाक्रम में निष्पक्ष कार्रवाई कराएंगे। बेटे की हत्या में उन्हें इंसाफ मिलेगा। दोनों नेताओं के सामने संजय ने बताया कि बेटे को हर स्तर पर गलत संगत से बचाते थे। ट्यूशन पढ़ने के दौरान भी नजर रखते थे। इतना सबकुछ करने के बाद भी कार्तिक को बचा नहीं पाए।