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    Bijnor News: बिजनौर में सर्पदंश से एक श्रमिक की मौत, दो की हालत गंभीर, रात में सोते समय काटा

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Thu, 22 Sep 2022 01:06 PM (IST)

    Laborer death In Bijnor झारखंड के तीन मजदूरों को बिजनौर के कीरतपुर में सोते समय सांप ने काट लिया। इलाज के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई। दो मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद से वहां काम कर रहे अन्‍य मजदूरों में दहशत है।

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    Bijnor News बिजनौर में सर्पदंश से मजदूर की मौत हो गई।

    बिजनौर, जागरण संवाददाता। Bijnor News बिजनौर के किरतपुर में झारखंड के तीन श्रमिकों को सांप ने डंस लिया। उपचार के दौरान एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि दो श्रमिकों का उपचार चल रहा है। उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

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    रात में सो रहे थे, तभी डंस लिया सांप ने

    ग्राम गाजीपुर कुतुब में जल निगम द्वारा पानी की टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। झारखंड निवासी ठेकेदार टिंकू सिंह टंकी निर्माण कार्य के लिए झारखंड से श्रमिक लाया था। बुधवार रात श्रमिक ग्राम पंचायत भवन में सो रहे थे। जहां सांप ने तीन श्रमिकों को डंस लिया। चीख-पुकार मचने पर आसपास मौजूद श्रमिकों में अफरातफरी मच गई।

    हायर सेंटर रेफर किया

    ठेकेदार और अन्य साथी तीनों श्रमिकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किरतपुर लेकर पहुंचे। वहा उनकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। जिला अस्पताल बिजनौर में उपचार के दौरान एक श्रमिक 45 वर्षीय विष्णु देव पुत्र चोखा राम, निवासी ग्राम नामदेव मलिका, थाना लातेहार झारखंड की मौत हो गई।

    दोनों की हालत बनी हुई गंभीर

    वहीं श्रमिक बलराम पुत्र प्रभु राम और कृष्णा राम पुत्र सूखन राम निवासी ग्राम नामदेव मलिका, थाना लातेहार, झारखंड को मेरठ रेफर कर दिया, लेकिन ठेकेदार ने दोनो को बिजनौर में निजी चिकित्सक के पास ले जाकर उपचार शुरू कराया। उपचाराधीन दोनों श्रमिकों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

    कोरोना काल के बाद रक्तदाताओं में आई गिरावट

    बिजनौर : लोगों में जागरूकता बढ़ने के साथ ही रक्तदाताओं की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है। लेकिन वर्ष 2019-20 में कोरोना काल के बाद ब्लड बैंक में कम ब्लड संग्रह हुआ है। लोगों की जान बचाने के लिए लोग पहले से अधिक जागरूक हुए है। एक दशक पहले तक लोग विभिन्न भ्रांतियों के चलते रक्तदान करने में हिचकते थे, वही अब लोग स्वैच्छा से रक्तदान करने से नहीं हिचकते।

    पर्याप्त मात्रा में ब्लड उपलब्ध

    यही कारण है कि रक्त की कमी होने पर रोगियों को आवश्यकतानुसार ब्लड उपलब्ध हो जाता है। वर्ष 2020 में कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद रक्तदाताओं की संख्या में कुछ कमी अवश्य ही आई है। बावजूद इसके जिला अस्पताल में बने ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड उपलब्ध रहता है। थैलेसिमिया रोगियों को दिया जाता है निशुल्क ब्लडब्लड बैंक मेडिकल आफिसर डा. जैसमिन बताती है कि जिला अस्पताल में भर्ती थैलेसिमिया रोगी, गंभीर रूप से घायल रोगी, लावारिस रोगी, गर्भवती महिलाएं, कैदियों को बिना एक्सचेंज निशुल्क ब्लड दिया जाता है।