वन विभाग व पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लकड़ी माफिया दबोचे
हस्तिनापुर के वन्य जीव विहार के आरक्षित जंगल से खैर की बेशकीमती लकड़ी काटकर ले जा रहे माफिया को वन विभाग व पुलिस ने धर दबोचा। आरोपितों के पास से लकड़ी लदी महिद्रा पिकप बाइक व लकड़ी काटने के उपकरण बरामद किए है। वन कर्मियों व पुलिस ने छह लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है।

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर के वन्य जीव विहार के आरक्षित जंगल से खैर की बेशकीमती लकड़ी काटकर ले जा रहे माफिया को वन विभाग व पुलिस ने धर दबोचा। आरोपितों के पास से लकड़ी लदी महिद्रा पिकप, बाइक व लकड़ी काटने के उपकरण बरामद किए है। वन कर्मियों व पुलिस ने छह लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है।
हस्तिनापुर वन्य जीव विहार मे खैर के घने जंगल हैं। खैर की लकडी बेशकीमती मानी जाती है। शुक्रवार की रात्रि दस बजे वन विभाग की टीम गश्त पर थी, तभी उन्हे पता चला कि कुछ देर पूर्व एक महिद्रा पिकप गाडी जंगल की ओर गई है। वन विभाग के रेंजर नवरत्न सिंह, डिप्टी रेंजर विनोद कुमार ने थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह के साथ भीष्म वन ब्लाक के आरक्षित जंगल र्म छापा मारा तो गाड़ी में लकड़ी लादने की आवाज आई। वन विभाग व पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए चारों ओर से घेर बंदी की और खैर की लकड़ी से लदी गाड़ी को कब्जे मे ले लिया। वहीं मौके से छह माफिया को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ की तो उन्होंने अपने नाम दिलनवाज निवासी पंजू सराय व उस्मान, आजम निवासी मुंडा खेड़ा एवं चरणसिंह, जयचंद, राकेश निवासी बिसावली थाना नौगांव जनपद अमरोहा बताया है। आरोपितों के कब्जे में ली गई खैर की लकड़ी लगभग दो लाख की कीमत की बताई जा रही है।
शातिर है लकड़ी माफिया
लकड़ी माफिया इतने शातिर है कि जिस समय जंगल मे लकड़ी का कटान करते है उतने समय तक दो लोग बाइक पर संपर्क मार्गो पर घूमते रहते है। इनका काम है कि वे वन विभाग की टीम पर नजर लगाए रहते है। जैसे ही भनक लगती है वैसे ही फोन कर साथियों को सूचना करते है। जिससें वहां से अलग हट जाते है। इनके पास से पेशन बाइक भी बरामद की गई है।
पुल से आने जाने में आसानी
वन विभाग की टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए लकड़ी माफिया ने पूछताछ में यह भी बताया कि जब से गंगा नदी पर पुल प्रारंभ हुआ है, जिससे उन्हें रात को भी आने जाने मे कोई परेशानी नहीं होती है।
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