पिता UP पुलिस में एसआइ, बेटी बनी BSF की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर, सफलतापूर्वक पूरी की कठिन ट्रेनिंग
मेरठ के सरूरपुर थाने में तैनात एसआई बृशपाल सिंह की बेटी भावना चौधरी ने इतिहास रच दिया है। वह बीएसएफ एयर विंग की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनी हैं। बीएसएफ महानिदेशक ने उन्हें फ्लाइंग बैज प्रदान किया। भावना ने 130 घंटे का कठिन प्रशिक्षण पूरा किया है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार और पुलिस विभाग में खुशी की लहर है। भावना की तैनाती दिल्ली के सफदरजंग स्थित बीएसएफ यूनिट में है।

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद परिवार के साथ भावना चौधरी। सौ. स्वजन
संवाद सूत्र, जागरण, रोहटा (मेरठ)। सरूरपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक बृशपाल सिंह की बेटी भावना चौधरी ने बीएसएफ एयर विंग की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनकर परिवार का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि से उनके घर व पुलिस महकमे में खुशी छाई है। थाने में साथी पुलिसकर्मियों ने पिता को बधाई दी और मिठाई खिलाई।
बीएसएफ महानिदेशक ने प्रदान किया फ्लाइंग बैज
उपनिरीक्षक बृशपाल सिंह ने बताया कि भावना चौधरी सहित चार पुरुष अधीनस्थ अधिकारियों को बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने फ्लाइंग बैज प्रदान किए। बीएसएफ वायु शाखा के प्रशिक्षकों ने सभी अधिकारियों को कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया। बताया कि भावना ने गत शुक्रवार को 130 घंटे का कठिन प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। ,
दिल्ली के सफदरजंग स्थित बीएसएफ यूनिट में है भावना की तैनाती
भावना चौधरी मूलरूप से मुथेना, थाना दनकौर (नोएडा) की निवासी हैं। फिलहाल भावना की तैनाती दिल्ली के सफदरजंग स्थित बीएसएफ यूनिट में है। पिता बृशपाल सिंह ने बताया कि भावना की माता पुष्पा देवी गृहणी हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी भावना दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर के बाद 2019 में बीएसएफ में नियुक्त हुई थीं। भावना के बीच के भाई प्रशांत चौधरी यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक हैं। उनकी तैनाती बांदा में है। सबसे छोटे भाई शिवम चौधरी गाजियाबाद में फिजियोथेरेपिस्ट हैं।
गणित ओलंपियाड में रक्षिता को पहली रैंक
मेरठ। विद्या ग्लोबल स्कूल की कक्षा एक की छात्रा रक्षिता कृष्णेत्रा ने प्रतिष्ठित एसओएफ इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड (2025-26) में अंतरराष्ट्रीय रैंक-1 और जोनल रैंक-1 (उत्तर प्रदेश जोन) प्राप्त किया है। प्रिंसिपल विनीत सूद ने रक्षिता को बधाई देते हुए कहा कि स्कूल के लिए यह गौरवशाली क्षण है। इतनी कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करना उनकी लगन, मेहनत और असाधारण प्रतिभा का परिचायक है।
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