Corona Vaccine लेने वाले प्रदूषित हवा से भी बचें... स्ट्रोक का खतरा
अगर आपने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है तो भी मास्क पहनना न छोड़ें। यह कोरोना संक्रमण के अलावा वायु प्रदूषण से बचाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम-2.5 एवं पीएम-1 की वजह से खून में गाढ़ापन बढ़ने से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक हो सकता है।

[संतोष शुक्ल] मेरठ। अगर आपने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है तो भी मास्क पहनना न छोड़ें। यह कोरोना संक्रमण के अलावा वायु प्रदूषण से बचाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम-2.5 एवं पीएम-1 की वजह से खून में गाढ़ापन बढ़ने से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक हो सकता है।
हर वायरल संक्रमण से थक्के का खतरा : मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जन डा. संजय शर्मा का कहना है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में खून के थक्के बनने की रिपोर्ट मिली। हर वायरल संक्रमण रक्त को गाढ़ा करता है, जिससे मरीजों का ब्रेन एवं हार्ट स्ट्रोक भी हुआ। सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि कोरोना वायरस शरीर में पहुंचकर खून का चिपचिपापन बढ़ता है। थ्रंबोसिस की वजह से बड़ी संख्या में मरीजों की जान गई।
हीमोग्लोबिन ज्यादा तो भी रिस्क: वायु प्रदूषण से ब्लडप्रेशर एवं खून में गाढ़ापन बढ़ने की आशंका होती है। आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. केके अग्रवाल ने गत दिनों डाक्टरों के साथ संवाद में माना कि कोरोना वैक्सीन से भी कुछ दिनों तक खून में गाढ़ेपन का रिस्क हो सकता है, ऐसे में खून पतला करने की दवाएं साथ रखनी चाहिए। खासकर, उन मरीजों में जिनका हीमोग्लोबिन 15 से ज्यादा है, या जिनके खून में थक्का बनने की प्रवृत्ति है।
पीएम1 या 2.5 से सावधान: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ मंडल में वायु प्रदूषण लगातार ज्यादा बना हुआ है। इससे न सिर्फ सांस की नलियों में सिकुड़न आई, बल्कि रक्त गाढ़ा होने एवं हार्ट पर लोड बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। पीएम 2.5 एवं पीएम-1 की मात्र हवा में ज्यादा मिलने से रक्त गाढ़ा होने का खतरा बढ़ा। वैक्सीन लेने वालों मास्क लगाकर पार्टीकुलेट मैटर से बचने की सलाह दी जा रही है।
विशेषज्ञों का क्या है कहना
कोई भी वायरल संक्रमण हो, वो इंडोथीलियम की परत को डेमेज कर थक्का जमाने की प्रवृत्ति बढ़ाता है। कोरोना संक्रमण में मरीजों को थ्रंबोसिस हुआ। दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन लेने के बाद एहतियात के तौर पर रक्त पतला करने की दवा साथ रखें। मास्क जरूर पहनें।
डा. नितिन मलिक, न्यूरोसर्जन, अप्स नोवा
पीएम2.5 मनुष्य के बाल का 30 वां जबकि पीएम-1 बाल का 70 वां हिस्सा बारीक होता है। ये दोनों कण मानक से कई गुना हैं, जो फेफड़ों की मेंब्रेन को पार कर रक्त में गाढ़ापन बढ़ाते हैं। हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बनता है। मास्क से फेफड़ों तक साफ हवा पहुंचेगी। वायरस भी रुकेगा।
डा. टीवीएस आर्य, प्रोफेसर, मेडिकल कालेज

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