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सेना के एमआइ रूम अस्पताल और यूनिट क्वारंटाइन सेंटर बने

कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सेना ने अपनी कमर कसते हुए मेडिकल इमरजेंसी यानी एमआइ रूम को अस्थायीअस्पताल और सैन्य यूनिटों में 25-25 बेड के क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 07:33 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 07:33 AM (IST)
सेना के एमआइ रूम अस्पताल और यूनिट क्वारंटाइन सेंटर बने
सेना के एमआइ रूम अस्पताल और यूनिट क्वारंटाइन सेंटर बने

मेरठ, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सेना ने अपनी कमर कसते हुए मेडिकल इमरजेंसी यानी एमआइ रूम को अस्थायीअस्पताल और सैन्य यूनिटों में 25-25 बेड के क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं। छावनी में चार्जिग रैम डिवीजन के अंतर्गत तैनात ब्रिगेड और सभी सैन्य यूनिटों में यह व्यवस्था की गई है। इनमें पूर्व सैनिकों, वीर नारी के अलावा जरूरत पड़ने पर अधिक गंभीर सिविलियन को भी जरूरी सुविधाएं व उपचार मुहैया कराया जाएगा। हर यूनिट में होते हैं एमआइ रूम

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सेना की हर यूनिट में एमआइ रूम होता है। यहां तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं, आपातकालीन सेवा और सैनिकों की सामान्य जांच भी होती है। इसे अब अस्पताल का रूप दिया गया है। वहीं, यूनिटों में एक या दो बैरक में करीब 25 बेड तक के बैरक को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां जरूरी सामग्री भी उपलब्ध होगी। घर व अस्पताल तक पहुंचा रहे आक्सीजन

सेना अपने वेटरन, पूर्व सैनिक और उनके स्वजन और वीर नारियों से निरंतर संपर्क स्थापित रखते हुए दवाइयां मुहैया करा रही है। आक्सीजन सिलेंडर भी जरूरत के अनुरूप घर व अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है। डिव की ओर से आक्सीजन सिलेंडर भगत ब्रिगेड से दिए जा रहे हैं। जो स्वयं ले जाने में सक्षम नहीं हैं उन्हें घर तक भी पहुंचाया जा रहा है। आक्सीजन मिली तो स्थिति सुधरी

सूबेदार मेजर गजे सिंह के पिता जीवन सिंह को गंभीर हालत में गंगानगर स्थित एडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर न होने पर स्वजन ने मेरठ से मुजफ्फरनगर तक आक्सीजन सिलेंडर की तलाश की, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। चार्जिग रैम डिवीजन की टीम ने अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया। जीवन सिंह का आक्सीजन स्तर 35-36 से 70-75 तक पहुंचा है और स्थिति सुधर रही है।


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