Apara Ekadashi 2023: 15 मई को अचला एकादशी का व्रत, भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी इसकी महिमा
Apara Ekadashi 2023 15 मई को अचला या अपरा एकादशी है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 15 मई को रात 246 बजे से 16 की रात 1.03 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के चलते अपरा एकादशी का व्रत 15 मई को ही रखा जाएगा।

जागरण संवाददाता, गंगानगर (मेरठ) : 15 मई को अचला या अपरा एकादशी है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 15 मई को रात 2:46 बजे से 16 की रात 1.03 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के चलते अपरा एकादशी का व्रत 15 मई को ही रखा जाएगा। इस व्रत की महिमा के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को संदेश दिया था। यह निर्जला व जलीय दोनों प्रकार से रखा जाता है।
पंडित महेश तिवारी कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति का नाम व यश बढ़ता है। पितरों की आत्मा शांति के लिए यह विशेष दिन है। यह व्रत व्यक्ति के संस्कारों को शुद्ध कर देता है। एकादशी मन और शरीर को एकाग्र करती है। हर एकादशी का प्रभाव अलग होता है। एकादशी पर पूजा पाठ करने से व्यक्ति की गलतियों का प्रायश्चित होता है।
श्री हरि सेवा संस्थान के अध्यक्ष डा. पंडित रामप्रकाश शास्त्री कहते हैं कि इस व्रत का नाम अचल है, इसका अर्थ हुआ कि यह चलायमान नहीं है। इसमें व्यक्ति के अपार संकटों का हरण होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को इस व्रत की महिमा के बारे में बताया था कि व्रत करने वाले प्राणी जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त हो जाते हैं। पूरे संसार में एकादशी जैसा कोई व्रत नहीं है।

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