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मुजफ्फरनगर में भाईचारे का संदेशा लेकर आए अनंत भागवत, मदरसे का किया भ्रमण

मुजफ्फरनगर के फुलत पहुंचे आरएसएस के सर संघचालक मोहन भावगत के चचेरे भाई अनंत भागवत-बोले इस्लामिक स्तर पर फुलत का महत्वपूर्ण स्थान पुष्पवर्षा से हुआ। स्वागत। सबसे पहले उन्होंने मदरसे का भम्रण किया और उसके इतिहास कार्यों की जानकारी ली।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 07:49 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में भाईचारे का संदेशा लेकर आए अनंत भागवत, मदरसे का किया भ्रमण
मुजफ्फरनगर में भाईचारे का संदेशा लेकर आए अनंत भागवत।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। गांव फुलत के जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया मदरसे में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत के चचेरे भाई अनंत भागवत का पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत किया गया। यहां वह मुंबई में होने वाले कार्यक्रम का आमंत्रण देने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि फुलत गांव में आकर सुखद अनुभव मिला। इस गांव का जंग-ए-आजादी की लड़ाई के साथ इस्लामिक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान है। यहां भाईचारे का संदेश लेकर आए हैं।

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ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पालिसी फाउंडेशन पुणे के अध्यक्ष अनंत भागवत बुधवार सुबह 11 बजे फुलत गांव पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने मदरसे का भम्रण किया और उसके इतिहास, कार्यों की जानकारी ली। मदरसे के प्रबंधक इस्लामिक ख्यातिविद् मौलाना कलीम सिद्दीकी से मुलाकात की और मुंबई में छह सितंबर को होने वाले डायलाग कार्यक्रम का निमंत्रण दिया। अनंत भागवत ने कहा कि फुलत गांव से 1857 की क्रांति में हिस्सा लिया गया था। यहां के नौजवान आजादी के लिए सेनानियों की टुकड़ी बनकर निकले थे। इसके अलावा इस्लामिक स्तर पर गांव का महत्वपूर्ण स्थान है। कार्यक्रम के बाद उन्होंने बताया कि मुंबई में होने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। इसके माध्यम से सर्वधर्म के लोग सीधी बात रखकर आपसी व सामाजिक स्तर पर आई दूरियों को मिटाने का काम करेंगे। छोटे-छोटे स्तर पर मनमुटाव को दूर करने में सहायता मिलेगी। जिसका सर्वधर्म के लोगों के बीच बड़ा संदेश जाएगा। क्योंकि इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, केरल के राज्यपाल आरिफ खान, कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति जैनुर हयात हसनैन समेत कई बड़े प्रमुख लोग प्रतिभाग रख रहे हैं। कहा कि वह चाहते हैं कि एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाए, जहां बैठकर सर्वधर्म के लोग दूरियों के मसलों को सुलझा कर आपसी भाईचारे की नींव रखें। इस दौरान मदरसा के लोगों के साथ उन्हाेंने वार्ता के साथ बैठक कर कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। मौलाना अहमद अव्वा, मौलाना वशी, हाफिज इदरीश अहमद, डा. सलीम, डा. नईम, ब्लाक प्रमुख के पति गौतम गुर्जर मौजूद रहे।

तालिबान व किसान आंदोलन पर नहीं बोले...

कार्यक्रम के बाद उनसे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर सवाल किया गया। इस पर कहा कि वह राजनीतिक रूप से किसी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है। वह यहां केवल भाईचारे का संदेशा लेकर आए हैं। इन मामलों का हमसे कोई लेना-देना नहीं है। 


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