Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये कोहरा नहीं प्रदूषण है! मेरठ में भी हवा की गुणवत्ता हो गई इतनी बदतर

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:13 PM (IST)

    मेरठ में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। पल्लवपुरम में सुबह AQI 409 दर्ज किया गया। प्रदूषण के मुख्य कारण निर्माण कार्य, कूड़ा जलाना और फैक्ट्रियों का धुआं हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है और कहा है कि मौसम में बदलाव से ही सुधार होगा।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, मेरठ। हवा की गुणवत्ता लगातार बदतर बनी हुई है। प्रदूषित हवा लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। पल्लवपुरम में मंगलवार को सुबह नौ बजे एक्यूआइ 409 दर्ज किया गया। पीएम 2.5 की मात्रा सोमवार की सुबह 10 बजे से मंगलवार को सुबह नौ बजे तक हवा की स्थिति अत्यंत विषाक्त स्थिति में रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दोपहर 12 बजे तक 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बनी रही। रात नौ बजे फिर पीएम 2.5 की मात्रा 400 पहुंच गई। नाइट्रोजन डाई आक्साइड और कार्बन मोनो आक्साइड की सांद्रता वातावरण में कई-कई घंटे खराब के स्तर पर बनी रही। रात 10 बजे एक्यूआइ 387 आंका गया।

    जयभीम नगर में भी प्रदूषण के स्तर का यही हाल रहा। 400 से 500 एक्यूआइ को मानव स्वास्थ्य के लिए रात में नमी की मात्रा बढ़ने से हवा में अति सूक्ष्म प्रदूषक कणों और जहरीली गैसों का जमाव अत्यंत गंभीर स्तर पर बना हुआ है। इसके बावजूद जगह जगह बड़े स्तर पर हो रहे निर्माण कार्यों से धूल उड़ रही है।

    जगह जगह जल रहे कूड़े, धुआं उगलती फैक्ट्रियों, खटारा वाहनों पर भी कोई अंकुश नहीं लगा है। आम जन प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। सुबह के समय और शाम होने के बाद निकलने वाले लोगों को बिना मास्क के नहीं निकलना चाहिए। मंगलवार को आदृता का अधिकतम प्रतिशत 90 रहा।

    अधिकतम तापमान 27.9 और न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।दिन निकलने के बाद भी प्रदूषक कण धुंध के रूप में छाए हुए हैं। ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में तो शाम चार बजे एक्यूआइ 400 से अधिक आंका गया।

    सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रोफेसर यूपी शाही ने बताया कि आगामी तीन चार दिनों में मौसम में कोई विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। तेज हवा और बरसात से ही प्रदूषण की स्थिति में सुधार होगा।