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    मेरठ मेडिकल कॉलेज में मिलेगा एम्स जैसा इलाज, थोड़ा इंतजार करें Meerut News

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Mon, 06 Jan 2020 12:33 PM (IST)

    150 करोड़ से ब्लाक आपरेशनल व चार नए विभाग भी जल्द ही बनेंगे। अब मेरठ मेडिकल कालेज में एम्स जैसा स्तरीय इलाज मिलने का सपना जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएग ...और पढ़ें

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    मेरठ मेडिकल कॉलेज में मिलेगा एम्स जैसा इलाज, थोड़ा इंतजार करें Meerut News

    मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज में एम्स जैसा स्तरीय इलाज मिलने का सपना जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा। पहले चरण में आठ विभागों में इलाज शुरू किया जाएगा। 150 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण लगा दिए गए हैं। न्यूरोसर्जन, न्यूरोफिजिशियन, पीडियाट्रिक सर्जरी समेत कई विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नए अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है।

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    नई कैंसर सिकाई मशीन

    2012 में केंद्र सरकार ने प्रदेश के 11 राजकीय मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशियिलिटी ब्लाक की नींव रखी थी। अन्य स्थानों पर ब्लाक शुरू हो गया, लेकिन मेरठ में देर हुई। इस ब्लाक में बर्न यूनिट, कार्डियोलोजी लैब, कैंसर मरीजों की रेडियोथैरेपी के लिए लीनियर एक्सलरेटर, मॉड्यूलर आपरेशन थिएटर एवं अन्य सुविधाएं मिलेंगी। आठ विभागों में 24 विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं 90 से ज्यादा पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता होगी। इस साल से मेडिकल कालेज में ई-अस्पताल की सुविधाओं को विस्तार मिला है। नई शुगर क्लीनिक भी खुलेगी। अस्पताल में भी एक बर्न यूनिट बनकर तैयार है। एंडोक्रायोनोलोजी में नई जांचों को शामिल किया गया है। तीन सौ की जगह अब 840 प्रकार की दवाएं ड्रग स्टोर में उपलब्ध होंगी। बाल रोग विभाग में नई आइसीयू बनाई जा रही है। गायनी विभाग में लेबर रूम में बैक्टीरियाफ्री करने के लिए नए विंग बनाए गए हैं।

    हेपेटाइटिस सी का मुफ्त इलाज

    मेडिकल कालेज में हेपेटाइटिस सी क्लीनिक का नोडल केंद्र खोला गया है। पश्चिमी उप्र के सभी जिलों के मरीजों का इलाज होगा। डा. टीवीएस आर्य नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। यहां मरीजों को दवाएं एवं जांच की सुविधा निश्शुल्क होगी। माइक्रोबायलॉजी विभाग में टीबी की जांच की नई तकनीक इस माह से शुरू कर दी गई है। एमडीआर टीबी की रिपोर्ट के लिए सिर्फ दो घंटे इंतजार करना होगा। जिला अस्पताल में आइसीयू शुरू करने की योजना है, जबकि जिला महिला चिकित्सालय में पांच नए स्टाफ मिलेंगे। जिले की सभी 12 सीएचसी एवं 35 पीएचसी पर पैथोलॉजी की सुविधाएं की जा रही हैं।