Hindon River: प्रशासन ने 55 गांवों में तालाबों की खुदाई का लिया निर्णय, हिंडन नदी का पुराना स्वरूप होगा बहाल
हिंडन नदी आज अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही है। इसकी मूल वजह है प्रदूषण। नदी का पुराना स्वरूप बहाल करने के लिए प्रशासन ने कार्ययोजना बनाई है। औद्योगिक इकाइयों और नदी किनारे के 55 गांवों पर फोकस किया जाएगा। गांवों में तालाबों की खोदाई होगी।

जागरण संवादददाता, मुजफ्फरनगर: कभी कल-कल बहने वाली हिंडन नदी आज अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही है। इसकी मूल वजह है प्रदूषण। गांवों का कचरा और औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी इसमें डाला डाला जा रहा है। इसके चलते नदी का पानी प्रदूषित होने के साथ यह संकरी भी हो गई है। नदी का प्राकृतिक सौंदर्य खत्म हो चुका है और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा है। कभी बुढ़ाना में इस नदी की वजह से भूगर्भ जल का स्तर काफी अच्छा था, लेकिन नदी में पानी घटने से पूरा बुढ़ाना ब्लाकक्षेत्र डार्क जोन में हैं। नदी का पुराना स्वरूप बहाल करने के लिए प्रशासन ने कार्ययोजना बनाई है। औद्योगिक इकाइयों और नदी किनारे के 55 गांवों पर फोकस किया जाएगा। गांवों में तालाबों की खोदाई होगी। इकाइयों का प्रदूषित पानी नदी में जाने पर रोक लगाई जाएगी।
प्रशासन ने कहा- 55 गांवों में तालाबों की खुदाई होगी
सीडीओ संदीप भागिया का कहना है कि हिंडन की स्वच्छता को लेकर काम चल रहा है। नदी में फैक्ट्रियों का प्रदूषिथ पानी प्रवाहित न हो, इसके लिए निगरानी टीम गठित की गई है। गांवों के पानी को नदी में जाने से रोकने के लिए सभी 55 गांवों में तालाबों की खुदाई कराई जाएगी। पिछले वर्षों में कुछ तालाबों की खुदाई हुई भी है। गांवों में अमृत सरोवर भी बनाए जाएंगे।
हिंडन नदी से जुड़े अहम तथ्य
- हिंडन नदी शिवालिक की पहाड़ियों से निकलकर सहारनपुर होते हुए जनपद में प्रवेश करती है।
- हिंडन की कुल लंबाई 355 किमी हैं। जिले में नदी की लंबाई 76 किमी है।
- जिले की सीमा में नौ नाले हिंडन नदी में गिरते हैं।
- जिले में हिंडन नदी में गिरने वाली एकमात्र सहायक नदी काली है।
- इस नदी के दायीं ओर 31 और बायीं तरफ 24 गांव हैं।
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