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    वैज्ञानिक विधि से करें गेहूं का भंडारण

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    Updated: Thu, 17 Nov 2011 12:12 AM (IST)

    हस्तिनापुर : गेहूं की अच्छी उपज के साथ इसका भंडारण एक महत्वपूर्ण पहलू है। उचित ढंग से भंडारण न करने पर किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह कहना है स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. शकुंतला गुप्ता का।

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    डा. गुप्ता कहती हैं कि इस समय गेहूं थ्रेसिंग का काम जोरों पर चल रहा है। इसका अगला स्टेप है गेहूं का भंडारण। आमतौर पर किसान इस पहलू को नजर अंदाज कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। किसान भंडारण में किसी तरह की लापरवाही न करें।

    भंडारित अनाज के शत्रु कीट

    खपरा बीटल : यह गोदाम में रखे अनाज का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसके बच्चे दाने के भ्रूण को खाकर नुकसान पहुंचाते हैं। प्रभावित अनाज से पाउडर निकलना शुरू हो जाता है।

    सुंडी : यह दाने में सूक्ष्म छेद करके इसे खोखला बना देती है।

    भंडार गृह का ट्रीटमेंट

    डा. गुप्ता बताती हैं कि भंडारण से पहले गोदाम को उपचारित करना जरूरी है। इसके लिये मैलाथियान 50 प्रतिशत के एक भाग को 100 भाग पानी में मिलाकर तीन लीटर प्रति 100 वर्ग मीटर के हिसाब से भंडार गृह में छिड़काव करें। हवा में उड़ने वाले कीटों के नियंत्रण हेतु इस घोल को एक लीटर प्रति 300 घन मीटर क्षेत्रफल में छिड़काव करें। इसके बाद अनाज भंडार करना चाहिए।

    भंडार तक कीट पहुंचने के स्त्रोत

    -कुछ कीट अनाज, दालों व उनकी फलियों पर दिए अंडों के कारण गोदामों तक पहुंच जाते हैं।

    -खलिहान या कू ड़े करकट में छिपे कीट भी गोदाम तक पहुंच सकते हैं।

    -अनाज ढोने के वाहन में छिपे कीट भी भंडार गृह में प्रवेश कर सकते हैं।

    -कई बार पुराने बोरों के प्रयोग से भी ये कीट नये अनाज तक पहुंच जाते हैं।

    -गोदाम की दीवारों की दरारों, गोदाम में बने बिलों से निकलकर भी कीट अनाज में मिल सकते हैं।

    भंडारण से पहले सावधानी

    -गोदाम पक्का और दीवारें नमी विरोधी होनी चाहिये।

    -गोदाम में दरारें, छिद्र हैं तो इन्हें सीमेंट से बंद कर दें।

    -पुराने गोदामों के प्रयोग से पहले इन्हें अच्छी तरह साफ कर लें।

    -भंडारण से पहले भंडार गृह में सेल्फास, डीलोसिया या फासराक्सीन का धुआं करें।

    -एक हजार घन फुट के भंडार गृह में सेल्फास की 10 गोलियां डालें

    -भंडारण न होने की स्थिति में फर्श पर अनाज का ढेर लगाकर तिरपाल या पॉलीथिन से ढंक दें। अनाज के ढेर में प्रति टन 12 सेल्फास की गोलियां रखें और तिरपाल के किनारों को मिंट्टी से बंद कर दें।

    -यदि भंडारण में पुराने बोरों का प्रयोग करना है तो इन्हें एक प्रतिशत मैलाथियान के घोल में 10 मिनट तक डुबो दें और सुखाकर प्रयोग करें।

    इन बातों का रखें ध्यान

    -भंडारण से पहले अनाज को अच्छी तरह सुखाकर साफ करें।

    -भंडारण के समय अनाज में 10 प्रतिशत से अधिक नमी न हो।

    -भंडारण के बाद दरवाजे तथा खिड़कियों के जोड़ों को भली प्रकार गीली मिंट्टी से बंद कर दें। लेकिन एक वेंटीलेटर जरूर बनायें।

    -गोदामों के आसपास गंदगी न रहने दें।

    -एक गोदाम में एक ही प्रकार का अनाज भंडारित करें।

    इनसेट

    कम लागत में ऐसे करें भंडारण

    घरेलू प्रयोग के लिए लोहे की टंकी आदि में गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए यह तरीका भी अपनाया जा सकता है। टंकी में एक कुंटल गेहूं भंडारित करते समय एक माचिस (तीलियों से भरी) तली में, दूसरी मध्य में तथा तीसरी माचिस सबसे ऊपर रखनी चाहिए। एक किलो नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर भंडार करने से पहली टंकी की तली में बिछाना चाहिए। इससे गेहूं खराब नहीं होगा। डा. शुकंतला गुप्ता कहती हैं कि यह तरीका कम मात्रा में गेहूं को भंडारित करने का है।

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