Delhi-Meerut Expressway: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का 75 फीसद काम पूरा, दिसंबर में करने उद्घाटन का दावा Meerut News
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के मेरठ-डासना ग्रीनफील्ड (32 किमी) हिस्से का कार्यदायी कंपनी और एनएचएआइ के इंजीनियरों ने मिलकर बैलेंस वर्क सर्वे किया है।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के मेरठ-डासना ग्रीनफील्ड (32 किमी) हिस्से का कार्यदायी कंपनी व एनएचएआइ के इंजीनियरों ने मिलकर बैलेंस वर्क सर्वे किया है। इस सर्वे के आकलन से अधिकारी खुश हैं और दावा कर रहे हैं कि बड़ी बाधा न आई तो दिसंबर में प्रोजेक्ट हैंडओवर कर देंगे। 31 दिसंबर तक उद्घाटन हो सकेगा। सर्वे के आकलन के अनुसार 75 फीसद काम हो गया है। कार्यदायी कंपनी के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज बैरवा ने बताया कि अब हमें पूरा यकीन है कि दिसंबर तक एक्सप्रेस-वे यातायात के लिए खोदने को सौंप देंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि कार्य चार भागों में बांटा जाता है।
मेकअप करना या फिनिशिंग बाकी
पहला शून्य से 30 फीसद, फिर 30 से 65 फीसद फिर 65 से 80 फीसद उसके बाद 100 फीसद। जैसे ही 75 फीसद काम पूरा होता है हर प्रोजेक्ट के लिए खुशी की बात सामने आ जाती है। इसका मतलब यह होता है कि सभी मूल काम हो चुके हैं अब सिर्फ उसका मेकअप करना या फिनिशिंग करना है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर अरङ्क्षवद कुमार ने बताया कि पूरा एक्सप्रेस-वे देखा गया है। बड़ी बाधा नहीं आई तो दिसंबर तक उद्घाटन योग्य एक्सप्रेस-वे हो जाएगा। जैसे ही बारिश से राहत मिलेगी फिनिङ्क्षशग कार्यों को दिन-रात कर लिया जाएगा। परतापुर का इंटरचेंज व डासना का एलिवेटेड स्ट्रक्चर दिसंबर तक हो जाएगा।
सिर्फ 12 स्थानों पर उतरना है, बाकी जा सकते हैं
सर्वे के हिसाब से परतापुर तिराहा का इंटरचेंज, ईस्टर्न पेरीफेरल के लिए कुशलिया गांव में लूप व डासना का एलिवेटेड स्ट्रक्चर ही बाकी है। इसमें तिराहे के इंटरचेंज के अंतर्गत एक अंडरपास व एक माइनर की पुलिया निर्माणाधीन है, जिसे अगस्त में पूरा कर लेने का दावा है। यहां पर बाकी स्ट्रक्चर पूरे हो चुके हैं। ईस्टर्न पेरीफेरल में लूप के लिए मिट्टी भराव चल रहा है। स्ट्रक्चर बन गए हैं। डासना में एलिवेटेड स्ट्रक्चर के पिलर बन चुके हैं, हालांकि उससे संबंधित सभी कार्यों में दिसंबर तक का समय लग जाएगा। इसी में उस कार्य को भी गिना जाता है जहां पर दिल्ली-हापुड़ के लिए मिलान होना है। 32 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे में 20 किमी तक तारकोल की पहली लेयर का कार्य हो चुका है। आठ किमी तक अंतिम लेयर भी डाल दी गई है। मेरठ से लेकर डासना तक सिर्फ 12 ही ऐसे स्ट्रक्चर हैं जिसे अब तक दोनों तरफ से मिट्टी भराव करके जोड़ा नहीं जा सका है। यहां पर वाहन को नीचे उतारने के बाद कच्चे रास्ते से आकर फिर चढ़ाना पड़ता है। यानी यदि काशी गांव टोल प्लाजा से चढ़ें तो कुशलिया में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे तक अब कुछ उतार-चढ़ाव को पार करते हुए चौपहिया वाहन से भी पहुंच सकते हैं।
अगस्त में पतापुर तिराहे का स्वरूप बदल जाएगा
तिराहे के नजदीक देहरादून बाईपास पर खोदाई शुरू कर दी गई है। मेरठ व देहरादून के वाहनों को दिल्ली की तरफ निकालने के लिए अंडरपास खोल दिया जाएगा। 10 अगस्त तक ऐसा करने की योजना है। यही नहीं अब सभी वाहन ओवरब्रिज के नीचे से गुजरेंगे। वर्तमान में ओवरब्रिज के दूसरे भाग से वाहन आते-जाते हैं। लेकिन ओवरब्रिज के पूरे हिस्से की छत का कार्य पूरा कर लिया गया है, ऐसे में उसे खोल दिया जाएगा। रेलवे ओवरब्रिज को भी दोनों तरफ से इसी माह जोड़ लिया जाएगा। इस महीने अब रेलवे ओवरब्रिज को पार करके मशीनें आ- जा सकेंगी।