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    66 की उम्र, पैरों में बड़े-बड़े छाले... फिर भी नहीं रुक रहे कदम, दिलचस्प है इन बुजुर्ग कावड़ियों की यात्रा

    Updated: Thu, 01 Aug 2024 03:04 PM (IST)

    हर की पौड़ी से कावड़ लेकर निकले 60 और इससे ज्याद उम्र के व्यक्ति लोगों को हैरान कर रहे हैं। इनमें युवाओं जैसा जोश नजर आ रहा है। पैरों में बड़े-बड़े छाले पर रुक नहीं रहे कदम। इस उम्र में इतना उत्साह के सवाल पर कहते हैं हम नहीं पूरी कांवड़ यात्रा ही बाबा की कृपा से ही चल रही है।

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    66 की उम्र में भी युवाओं जैसा जोश - जागरण

    राजेन्द्र शर्मा, मेरठ। उमस भरा मौसम। धूप में एक मिनट भी रुकना मुश्किल। पैरों में बड़े-बड़े छाले, पर रुक नहीं रहे कदम। वह तेजी से शिवालयों की ओर बढ़ते जा रहे हैं। बोल बम...बम-बम के जयघोष साथ उनका उत्साह भी देखने लायक है। 60 से लेकर करीब 66 तक की उम्र में भी युवाओं जैसा जोश। भगवान शिव के प्रति उनकी अपार श्रद्धा एवं कृपा से ही यह संभव हो पा रहा है। ऐसे ही अनेक बुजुर्ग शिवभक्त धर्मनगरी हरिद्वार से कांवड़ व गंगाजल लेकर माल रोड स्थित टैंक चौराहे से होकर निकले।

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    सिकंदराबाद (बुलंदशहर) निवासी 66 वर्षीय राजपाल सिंह 26 जुलाई की रात करीब 8.30 बजे हर की पैड़ी से कांवड़ लेकर चले थे। बुधवार दोपहर में यहां पहुंचे। वे झारखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। उनकी पूरी यात्रा करीब 250 किमी की रहेगी। उनके पैरों में बड़े-बड़े छाले पड़े हैं। उमस ने हाल बेहाल किया हुआ था, लेकिन उनके कदम नहीं रुके। कहते हैं कि भगवान शिव की कृपा से ही यह संभव हो पा रहा है। इस उम्र में इतना उत्साह के सवाल पर कहते हैं, हम नहीं पूरी कांवड़ यात्रा ही बाबा की कृपा से ही चल रही है।

    राजपाल सिंह। सिकंदराबाद

    माजरा गांव, गौतमबुद्धनगर निवासी 65 वर्षीय धनपाल सिंह 28 जुलाई को शाम करीब सात बजे हरिद्वार से कांवड़ लेकर निकले। दूसरी बार कांवड़ लेकर आ रहे हैं। उनकी यह यात्रा करीब 240 किमी की होगी। बुधवार दोपहर में पहुंचे धनपाल के चेहरे पर इस उम्र में भी कोई शिकन नहीं है। कहते हैं बाबा की कृपा है, वही हमें भी अपने गंतव्य की ओर ले जा रहे हैं। उनकी कृपा रहेगी तो आगे भी कांवड़ लाएंगे

    धनपाल सिंह। माजरा गौतमबुद्धनगर

    1987 से कांवड़ ला रहे हैं रमेश

    मोदीनगर सीकरी खुर्द मेले वाली निवासी 60 वर्षीय रमेश चंद पेशे से किसान हैं। रमेश 28 जुलाई की रात करीब 12 बजे हरिद्वार से चले। उनकी कांवड़ यात्रा करीब 165 किमी की रहेगी। उनका कहना था कि 1987 से वे कांवड़ ला रहे हैं। पहले गांव के बुजुर्ग के साथ जाते थे। अब हर साल स्वयं ही जाते हैं। भगवान भोले शंकर की जब तक कृपा रहेगी, यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा।

    रमेश चंद। मोदीनगर

    हरदोई निवासी राम स्वरूप की उम्र करीब 65 साल है। उनके भाई परिवार समेत यहीं मेरठ में रहते हैं। वे हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए पहले मेरठ आए। यहां से फिर हरिद्वार के लिए निकले। बुधवार को बेगमपुल स्थित कांवड़ सेवा शिविर में रुके। उनकी यह यात्रा करीब 140 किमी की रहेगी। कांवड़ लाने के बाबत उनका कहना है कि बस भगवान भोले शंकर की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहे, इसलिए वे भी लाए हैं।

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