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    प्रशासन के बुलडोजर को रोकने के लिए 500 ट्रैक्टर तैयार, किसानों ने कहा- किसी भी कीमत पर नहीं देंगे जमीन

    मेरठ के खड़खड़ी क्षेत्र में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित औद्योगिक गलियारे के खिलाफ किसान 17 दिनों से धरने पर डटे हैं। अब तक 10 गांवों के प्रधानों का समर्थन मिल चुका है। किसान नेता मामचंद नागर ने प्रशासन पर जमीन सस्ते दामों में लेने की साजिश का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि 500 ट्रैक्टरों के साथ बुलडोजर को रोका जाएगा।

    By Pramod Tyagi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 21 Nov 2024 07:06 PM (IST)
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    प्रशासन के बुलडोजर को रोकने के लिए 500 ट्रैक्टर तैयार - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    संवाद सूत्र, मेरठ। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे के विरोध में किसान खड़खड़ी के जंगल में ठंड में धरने पर डटे हैं। धरने के 17 वे दिन किसानों के धरने को गांव कैलीके प्रधान पति बिजेन्द्र और कबटटा के प्रधान नरेश ने सर्मथन पत्र सौंपा। अब तक दस प्रधानों का किसानों को सर्मथन मिल चुका है। किसानों का दावा है कि प्रशासन अपनी रणनीति बना रहा है। चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन के बुलडोजर को रोकने के लिए किसानों ने पांच सौ ट्रैक्टर तैयार कर लिए है। दावा किया कि किसान अपनी जान दे देगे। लेकिन जमीन नहीं देगे।

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    गांवों का मिल रहा समर्थन

    धरने को संबोधित करते हुए आयोजक मामचंद नागर ने कहा कि क्षेत्र के गांवों का लगताार समर्थन मिल रहा है। अब तक क्षेत्र के दस गांवों के प्रधान बिजौली, गोविंदपुरी, बधौली, कैली, पांची, धीरखेड़ा, कबटटा, छतरी, खड़खड़ी, अतराड़ा का सर्मथन किसानों को मिल चुका है। अन्य प्रधान सर्मथन देने के लिए तैयार है।

    धरने में किसानों को सर्मथन पत्र देते हुए कैली के प्रधान पति बिजेन्द्र कुमार और कबटटा के प्रधान नरेश कुमार  सौ संगठन

    कहा कि प्रशासन 300 हेक्टेयर जमीन छतरी खड़खड़ी और गोविंदपुरी की सस्ते दाम में लेने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि प्रशासन अपनी रणनीति बना रहा है। वही, किसानों ने अपनी रणनिति बना रखी है। प्रशासन के बुलडाेजर को रोकने के लिए किसानों ने पांच सौ ट्रैक्टरों की तैयारी कर रखी है।

    प्रशासन को नहीं देंगे जमीन

    कहा कि आने वाले समय में आसपास के किसानों की जमीन सस्ते दामों पर प्रशासन सरकार को गुमराह करके हड़पने की तैयारी कर रहा है। प्रेस प्रवक्ता कमल सिंह फौजी ने कहा कि प्रशासन को किसी भी कीमत पर किसान जमीन नहीं देगे।

    उन्होंने कहा कि धरती उनकी मां है। किसी भी कीमत पर वे उसे नहीं देगे। इस अवसर पर किसान नेता जगबीर सिंह, अशोक प्रधान, सत्येंद्र, दयाचंद कवित एडवोकेट, कर्मवीर पटवारी, राजकुमार, गोपीचंद, लीलू नागर, अर्जुन त्यागी, जयपाल, समेत आदि किसान थे ।