Updated: Sat, 12 Apr 2025 10:46 PM (IST)
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में 17 बाधाओं को चिह्नित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इन बाधाओं को मार्च तक दूर करने का आदेश दिया है। यूपीडा ने सभी 11 जनपदों के जिला प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए कहा है। मेरठ में एक स्कूल और अस्पताल की इमारतें एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज में बाधक हैं जिन्हें हटाया जाना है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के पूरा होने में 17 बाधाएं चिह्नित की गई हैं। ये बाधाएं 11 जनपदों में हैं। मेरठ में भी एक स्कूल और अस्पताल का भवन गंगा एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज के निर्माण बाधा उत्पन्न कर रहे हैं जिन्हें हटाया जाना है।
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मुख्यमंत्री ने समीक्षा करके इन सभी का मार्च महीने में समाधान करने का निर्देश दिया था। जिसपर त्वरित कार्रवाई के लिए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सभी 11 जनपदों के जिला प्रशासन को आदेश दिया है। जिसपर कार्रवाई शुरू की गई है।
17 स्थानों पर बाधाएं
594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे की शुरूआत मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिजौली गांव से हो रही है। यह कुल 12 जनपदों के गुजरता हुआ प्रयागराज पहुंच रहा है। इनमें 11 जनपदों में कुल 17 स्थानों पर भूमि अधिग्रहण, भवन हटाने, पेड़ हटाने तथा अन्य सुविधाओं को स्थानांतरित करने की बाधाएं चिह्नित की गई हैं।
प्रदेश सरकार ने अब इस एक्सप्रेसवे को शुरू करने की समय सीमा अप्रैल 2025 निर्धारित की है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने एक मार्च को बैठक करके इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की थी। 17 अड़चनों को दूर करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को मार्च महीने का समय दिया था।
सीएम ने जारी किया आदेश
मुख्यमंत्री के इस आदेश पर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने सभी 11 जनपदों के जिला प्रशासन को पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई करके बाधाओं का समाधान करने और रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है। जिसपर जिला प्रशासन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग के किमी 16 पर गंगा एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश के लिए इंटरचेंज का निर्माण किया गया है। मेरठ में इस इंटरजेंच के आसपास ही दो भवन खड़े हैं। जिन्हें हटाया जाना है। जिला प्रशासन का दावा है कि इनमें एक विद्यालय का भवन है। जिसकी जमीन और भवन का पूरा पैसा भुगतान किया जा चुका है। अब उक्त भवन के मलबे की नीलामी करके उसे हटाया जाना है। दूसरा भवन पेट्रोल पंप का है। जिसकी प्रक्रिया भी जारी है।
जिलाधिकारी, डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया
गंगा एक्सप्रेसवे की मेरठ जनपद की दोनों बाधाओं को समाप्त करने के लिए एडीएम प्रशासन, एसडीएम और तहसीलदार को आदेश दिया गया है। जल्द बाधा खत्म होगी। मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य काफी समय से लगभग पूरा हो चुका है।
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