Meerut: 'दिल्ली में अवनी के लिए बुक किया था फाइव स्टार, दोस्तों से नंबरों की रेस में पिछड़ने पर दे दी जान'
Meerut News Meerut News प्री-बोर्ड परीक्षा में 80 फीसद अंक आने से असहज हो गई थी अवनी-ज्यादा नंबर लाने के लिए पूरा दिन ही किताबों में डूबी रहती थी छात्रा। अवनी साफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए जी जान लगाकर पढ़ रही थी।

मेरठ, जागरण टीम। उसके जाने से कुछ भी नहीं रहा हमारे पास...हाथ खाली हो गए...सब कुछ चला गया मेरा...। कभी इधर-उधर नहीं गई, कालोनी में सबके सामने हाथ जोड़कर नमस्कार करती थीं, हमेशा खुश रहती थीं। पैरों की चप्पल पर भी धूल लग जाए तो साफ करने के बाद ही घर में प्रवेश करती थी। मम्मी के साथ भी दोस्त जैसी जुगलबंदी थी। ऐसी थी मेरी अवनी। 16 साल बिटिया की मौत पर पिता रोहित कुछ इस तरह से गमजदा थे। कोई बात पूछने पर उनकी आंखों में आंसू रोके नहीं रुक पा रहे थे।
नंबरों की रेस ने ली बेटी की जान
अवनी के पिता रोहित अग्रवाल ने बताया कि दोस्तों के साथ नंबरों की रेस ने अवनी की जान ले ली। इस बार प्री-बोर्ड एग्जाम में उसके 80 फीसद नंबर आए थे, जबकि दोस्तों के नंबर कुछ ज्यादा थे। हालांकि हर साल 90 से 99 फीसद अंक आते थे। 80 फीसदी अंक देख बोर्ड एग्जाम को लेकर अवनी काफी चिंतित थी। प्री-बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद से अवनी ने पूरा-पूरा दिन पढ़ाई शुरू कर दी थी। सर्दी अधिक लगने के बाद भी किताबों में डूबी रहती थी। कभी पापा से कोई ज्यादा बात शेयर नहीं करती थी। मम्मी से दोस्तों की तरह बात करती थी।
प्री-बोर्ड का आया था रिजल्ट तो बताया मम्मी को
प्री-बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद असहज अवनी ने तब मम्मी आकांक्षा को बताया कि बोर्ड में उसे 99 फीसदी नंबर लाने हैं। अपने सब दोस्तों से आगे निकलना है। उसे काफी समझाने का प्रयास किया गया। बाकायदा पांच दिन तक अवनी को बाहर घुमाने भी ले गए थे, ताकि किताबों से इसका ध्यान दूसरी चीजों में लग जाए। उसके बाद भी अवनी के दिमाग से मार्क्स फोबिया नहीं निकल पाया। इसी जद्दोजहद में अवनी ने गोल्डन टावर की पांचवीं मंजिल से कूद कर जान दे दी।
खरखौदा से नहीं लौटा परिवार
गोल्डन टावर में अभी अवनी के घर पर ताला लटका था। उसका परिवार खरखौदा गया है। पिता रोहित अग्रवाल ने बताया कि अवनी की मौत के बाद सभी क्रिया पूरी करने के बाद वापस जाएंगे। गोल्डन टावर पर रहने वाले लोगों में बच्ची की मौत पर गम है। कालोनी के लोगों ने बच्ची की आत्मा की शांति के लिए एकजुट होकर शोकसभा आयोजित की।
दिल्ली में अवनी के लिए बुक किया था फाइव स्टार
पीजीआइआइटी की पढ़ाई करने के लिए पिता ने अवनी के लिए दिल्ली में फाइव स्टार पीजी की बुकिंग कर दी थी, ताकि इंटरमीडिएट की परीक्षा देने के बाद उसे दिल्ली में शिफ्ट किया जा सके। रोहित अग्रवाल ने बताया कि अवनी साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती थी। पढ़ाई में अच्छी होने की वजह से पूरा परिवार उसका साथ देता था।
ये भी पढ़ें...
ऐसे पांचवीं मंजिल से कूद गई थी छात्रा
मूलरूप से खरखौदा निवासी और फिलहाल शास्त्रीनगर के गोल्डन टावर में परिवार के साथ रह रहे प्रापर्टी डीलर रोहित अग्रवाल की बेटी अवनी अग्रवाल मेरठ पब्लिक स्कूल की शास्त्रीनगर शाखा में कक्षा 12वीं में पढ़ती थी। सोमवार सुबह साढ़े नौ बजे अवनी प्री-बोर्ड परीक्षा देने को घर से स्कूल के लिए स्कूटी की चाबी, हेलमेट और बैग लेकर निकली थी।
स्कूल न जाकर अवनी टावर की छत पर चली गई और करीब 50 मिनट तक वहीं बैठी रही। 10 बजकर 50 मिनट पर अवनी टावर की पांचवीं मंजिल से कूद गई। बेसमेंट से टावर की ऊंचाई करीब 60 फीट है। बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।