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    पेट स्कैन बता देगा शरीर में छिपा कैंसर

    By Edited By:
    Updated: Sun, 19 Jun 2016 02:07 AM (IST)

    संतोष शुक्ल, मेरठ: वक्त रहते कैंसर की पहचान हो जाए तो इलाज मुश्किल नहीं। किंतु जांच में जरा सी चू

    संतोष शुक्ल, मेरठ:

    वक्त रहते कैंसर की पहचान हो जाए तो इलाज मुश्किल नहीं। किंतु जांच में जरा सी चूक मरीजों के लिए जानलेवा बन जाती है। अब पेट स्कैन-पोजीशन इमीशन ट्रामोग्राफी से कैंसर कोशिकाओं की फौरन सटीक जानकारी मिलेगी। यह शरीर में छिपे सूक्ष्मतम कैंसर कोशिकाओं की भी पहचान कर लेगा। इससे तमाम प्रकार के कैंसर को पहली स्टेज में ही ठीक किया जा सकेगा। मुंबई एवं दिल्ली के साथ यह हाइटेक जांच मेरठ में भी उपलब्ध है।

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    सौ फीसदी सटीक जांच

    कैंसर मरीजों की जांच अब तक एमआरआइ एवं सीटी स्कैन की इमेज के आधार पर जांच की जाती है, किंतु कोशिकाओं की वास्तविक स्थिति का सटीक पता नहीं लग पाता है। जबकि पेट स्कैन सूक्ष्म बीमार कोशिकाओं तक का पता लगा लेती है। इसमें मरीज को एक विशेष ग्लूकोज के साथ रेडियोआइसोटोप का इंजेक्शन दिया जाता है। यह दवा सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में ही पहुंचती है। इन कोशिकाओं से पाजीट्रान निकलते हैं, जिससे रेडियोएक्टिव आइसोटोप पकड़ लेता है। यही कैंसरग्रस्त कोशिकाएं होती हैं, जिनकी इमेज पूरी तरह साफ हो जाती है। पता चल जाता है कि कैंसर वाली कोशिकाएं किस अंग से सिग्नल दे रही हैं। ये कोशिकाएं ज्यादा ग्लूकोज लेती हैं, ऐसे में पकड़ में आती हैं।

    वेस्ट यूपी में बढ़े कैंसर के मामले

    गंगेटिक बेल्ट में पित्त की थैली में पथरी एवं कैंसर की घटनाएं ज्यादा हैं। तंबाकू सेवन की वजह से मुंह से लेकर आंत तक के बीच करीब दर्जनभर तरह के कैंसर बन रहे हैं। वेस्ट में धूम्रपान करने की तादात काफी ज्यादा है, जिसमें कैडमियम, निकोटीन समेत 40 प्रकार के कैंसरकारक रसायन पहुंच रहे हैं। खेतीबाड़ी में दर्जनों प्रकार के कीटनाशक भी कैंसर के बड़े कारण हैं। भारी वायु प्रदूषण से सांस की नली एवं फेफड़ों के कैंसर में बड़ा इजाफा हुआ है।

    क्या कहते हैं विशेषज्ञ

    पेट स्कैन से कैंसर के इलाज में बड़ी उम्मीद जगी है। जांच से पहले मरीज को फ्लोरोडॉक्सी ग्लूकोज के साथ रेडियोआइसोटोप दिया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं की शिनाख्त कर लेती हैं। इससे कैंसर का इलाज बेहद आसान हो जाएगा।

    - डा. अमित जैन, निदेशक, वेलेंटिस कैंसर अस्पताल।