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    प्यार में हुआ घायल तो दोस्त का किया कत्ल

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    Updated: Mon, 09 Dec 2013 02:02 AM (IST)

    मेरठ : दोस्ती से एक तरफा प्यार में पागल हुए सुनील ने बचपन की दोस्ती का का कत्ल कर दिया। प्यार में धोखे के लिए वह नितिन को ही जिम्मेदार मानने लगा।

    अमरोहा जिले के जटपुरा सुमाली गांव निवासी नितिन की गांव के ही सुनील से दोस्ती थी। सुनील ने 2008 में रोहतक के शिवदान सिंह इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था। उसके साथ वासिफ ने भी दाखिला लिया था। दोनों एक ही कमरे में किराए पर रह रहे थे। सुनील ने 2011 में नितिन का एडमिशन भी इसी इंस्टीट्यूट में करा दिया और एक ही मकान में कमरा दिला दिया। इसी बीच बातचीत में नितिन ने सुनील को बताया कि उसकी गांव की उक्त युवती से दोस्ती है। इस पर सुनील अंदर ही अंदर नितिन से नफरत करने लगा। एक साल पूरा करने के बाद नितिन की तबीयत बिगड़ गई और परिजनों ने उसका एडमिशन ट्रांसलेम में करा दिया। जानकारी होने पर सुनील ने नितिन को युवती से दूर होने का कहा और कई बार धमकी भी दी। इसी बीच सुनील व वासिद ने नितिन को पीटने का प्लान बनाया। चूंकि युवती ने सुनील से बात करना बिल्कुल बंद कर दिया था, इसलिए वह प्रतिशोध की आग में दहक उठा और कत्ल की साजिश रच डाली। छुट्टी लेकर वह घर आ गया और वासिद से मिलकर ट्रेन के आगे फेंकने का प्लान बनाया ताकि घटना को हादसा माना जाए। घटना के दिन कॉलेज से साथ ले जाकर नितिन की कमरे पर ड्रेस बदलवाई। नितिन के बचने के बाद वासिद टेंपो में बैठकर जिला अस्पताल आ गया। टेंपो में ही वासिद ने नितिन का मोबाइल व पर्स निकाल लिया, ताकि उसकी पहचान नहीं हो सके। इसके बाद वासिद ने जिला अस्पातल से नितिन को टेंपो में ले जाने की बात कही। सरकारी एंबुलेंस से नितिन को मेडिकल ले जाया गया तो दोनों बाइक से पीछा करते हुए मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। वासिद बाहर रहा और सुनील इमरजेंसी में पहुंच गया। शुरुआत में भीड़ होने के चलते वह रात में इमरजेंसी में रुक गया और मददगार बनने का नाटक करता रहा। सुबह सभी की आंख लगने के बाद गला काट दिया। नितिन का मोबाइल पुलिस लाइन के पास नाले में फेंक दिया और पर्स, पास-बुक व आइकार्ड वासिद ने लालकुर्ती स्थित कमरे में छुपा दिया। इसके बाद सुनील जॉब पर चला गया, जबकि वासिद मुजफ्फरनगर चला गया। सुनील हिमाचल के सोलना जनपद के बद्दी में सैमसंग दवाई कंपनी में फार्मासिस्ट की नौकरी करता है।

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    दो महीने पहले भी रची थी साजिश

    सुनील ने नितिन की हत्या की साजिश दो माह पूर्व भी रची थी। इसके लिए उसने फोन कर लखनऊ आने को कहा। समय तय हो गया, लेकिन कॉलेज खुलने के चलते नितिन लखनऊ नहीं जा सका।

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    घटना डायवर्ट करने का किया प्रयास

    नितिन की हत्या के बाद दोनों ने केस डायवर्ट करने का भी प्रयास किया। पिछले रविवार को सुनील, नितिन के घर पहुंचा। उसने आरोप लगाया कि मेरठ पुलिस ने भारी पैसा ले लिया और वह खुलासा नहीं कर पाएगी। साथ ही बेटियों को बेटी मानने की बात कहते हुए दिलासा दिया।

    वारदात के तीन दिन बाद वासिद ने बिजनौर की एक एसटीडी से फोनकर नितिन के पिता रामबीर को बताया कि तुम्हारे बेटे का कत्ल अलीगढ़ की पूजा, विशाल व सचिन ने किया है।

    शिक्षकों के बेटे हैं दोनों हत्यारोपी

    सुनील के पिता महेंद्र सिंह कुछ समय पहले शिक्षक पद से रिटायर हुए हैं, जबकि वासिद के पिता मखदूम महावली गांव में इंटर कॉलेज में अध्यापक हैं।

    जिसने संवारा भविष्य, उसकी ले ली जान

    नितिन की हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल वह था जिससे सुनील व वासिद ने भविष्य संवारा था। घटना के बाद वासिद उस्तरे को कमरे से उठा ले गया।

    सुनाते रहे हत्या की कहानी, गिरते रहे आंसू

    पुलिस लाइन में हत्या के खुलासे के वक्त नितिन के पिता व मां पुष्पा परिजनों के साथ पहुंचे थे। जिस वक्त हत्यारोपी कत्ल की कहानी बयां कर रहे थे, वहीं इकलौते जिगर के टुकड़े को खोने वाली मां के आंसू गिर रहे थे। मलाल था कि बेटा अपने से दूर क्यों कर दिया।

    कॉल डिटेल से मिले अहम् सुराग

    सुनील, नितिन के साथ पांच दिन से लगातार फोन पर संपर्क में था। पुलिस ने नितिन की मोबाइल डिटेल निकाली तो इस दौरान कई बार उसकी सुनील से बात हुई थी। वहीं वासिद भी नितिन के संपर्क में था। इसके अलावा नितिन की गांव के युवती से कई बार बात हुई थी। चूंकि नितिन, सुनील व युवती एक ही गांव के थे। इसलिए युवती से पूछताछ की गई। इसके बाद कई और अहम् क्लू मिले और सुनील पुलिस के टारगेट पर आ गया।

    जीजा की बाइक की थी इस्तेमाल

    नितिन हत्याकांड में सुनील ने बिजनौर के मैथा गांव निवासी विपिन की थी। सुनील ने बाइक इस्तेमाल करने के बाद जीजा के पास भिजवा दी। सीओ सिविल लाइन विकास कुमार त्रिपाठी का कहना है कि फिलहाल सुनील के जीजा को घटना की जानकारी नहीं थी। फिर भी जांच की जा रही है।

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