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    वेस्ट यूपी ने लगाया दूध की धार पर ब्रेक

    By Edited By:
    Updated: Fri, 22 Mar 2013 02:05 AM (IST)

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    संजीव जैन, मेरठ

    कान्हा की कर्मभूमि के रूप में विख्यात वेस्ट यूपी में दूध की धार पर ब्रेक लग गया है। रोज करीब जिन 55 हजार पशुओं का कटान हो रहा है, उनमें अधिकांश दुधारूपशु हैं। वेस्ट यूपी में पशुओं के संकट के चलते कटान के लिए हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत 9 राज्यों से पशुओं की तस्करी की जा रही है। दुग्ध उत्पादन घटने के कारण दुग्ध उत्पादों पर प्रति व्यक्ति 12 रुपये का खर्च बढ़ गया है। केंद्रीय गृह विभाग व राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।

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    ये है रिपोर्ट

    देश में वित्तीय वर्ष 2011-12 के 1100 लाख टन के मुकाबले 2012-13 में 1090 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ है। उप्र व दिल्ली में क्रमश: 198 व 86 लाख टन के मुकाबले 190 व 62 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ है। उप्र के उत्पादन में मेरठ व सहारनपुर मंडल की हिस्सेदारी 48 लाख टन के मुकाबले 42 लाख टन रही है।

    2012 में दूध व उससे जुड़े उत्पाद पर खर्च में 6 रुपये इजाफा हुआ पर अब 12 रुपये हुआ है। उप्र में प्रति व्यक्ति 211 रुपये से 237 रुपये, दिल्ली में 204 से 225 रुपये, हरियाणा में 224 से 228 रुपये, पंजाब में 209 से 219 रुपये हो गया है।

    वेस्ट यूपी के मेरठ, रामपुर, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मुरादाबाद, जेपी नगर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर में रोज 55 हजार पशुओं का कटान हो रहा है जो देश के किसी भी क्षेत्र में सर्वाधिक कटान है। इन शहरों से घरेलू खपत को छोड़कर रोज 432 टन मीट निर्यात होता है। पशु जनगणना उप्र अनुसार वेस्ट यूपी में लगातार पशुओं की संख्या घटती जा रही है। ऐसे में कटान के लिए माफिया पशुओं की तस्करी कर रहे है।

    अब तस्करों की खुलेगी हिस्ट्रीशीट

    मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने पशु तस्करी को गंभीरता से लेते हुए 12 अप्रैल तक डीएम व एसएसपी को विशेष अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। पशुओं की तस्करी करने वालों को डेटा क्राइम नोट बुक में दर्ज करने के साथ-साथ उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए कहा है। जनपद मुख्यालय से लेकर हरेक थाना क्षेत्र में ऐसे मार्ग चिह्नित होंगे, जहां से पशुओं की तस्करी करके लाई जाती है। पशु मंडी, पैंठ व वधशाला का औचक निरीक्षण होगा। यदि किसी ट्रक में दुधारू पशु है तो संबंधित के विरुद्ध तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी। हर सप्ताह होने वाली कानून व्यवस्था की बैठक में भी इसकी समीक्षा होगी।

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