'धारा बताओ तब दर्ज करूंगा मुकदमा'
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जागरण संवाददाता, मेरठ : अगर आप के साथ कोई अनहोनी हो गई है और आप मुकदमा दर्ज कराने थाने जा रहे हैं तो अपराध की धाराओं का ठीक से अवलोकन करके जाना, वरना अपराधियों के आगे नतमस्तक हो चुकी पुलिस आपको यह कहकर भगा देगी कि पहले धारा बताओ तभी तहरीर ली जाएगी। ऐसा ही अजीबो गरीब मामला सरधना थाने में उस वक्त देखने को मिला जब एक पीड़ित अपनी फसल नष्ट करने की तहरीर लेकर थाने पहुंचा तो इंस्पेक्टर ने आव देखा न ताव और तपाक से कह दिया कि तुम्हारे इस मामले की कानून में कोई धारा नहीं है। पहले धारा पता करके आओ फिर तहरीर देना। पीड़ित ने अब डीआइजी से न्याय की गुहार लगाई है।
सरधना थाना क्षेत्र के गांव महादेव निवासी शिवनाथ की तीन दिन पूर्व किसी ने दस बीघा सरसों की फसल केमिकल डालकर बर्बाद कर दी थी। पीड़ित शिवनाथ इसकी रिपोर्ट लिखवाने सरधना थाने पहुंचा। आरोप है कि पुलिस ने उसकी गुहार सुनने के बजाए उसे टरकाने का प्रयास शुरू कर दिया। पीड़ित ने बताया कि हद तो उस वक्त हो गई जब इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार ने दो टूक कह दिया कि इस जुर्म की अभी तक कोई धारा नहीं बनी है। इसलिए रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी। फिर भी गुहार लगाने पर झल्लाए इंस्पेक्टर ने यह कहते हुए किसान को चलता कर दिया कि जाओ पहले इस जुर्म की धारा पता करो। जब धारा पता चल जाए तब आकर बता देना, रिपोर्ट दर्ज कर दी जाएगी। इंसपेक्टर के इस व्यवहार से परेशान किसान ने शनिवार को डीआइजी कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर फसल नष्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।
इन्होंने कहा..
किसान का जमीनी विवाद चल रहा है। तहरीर लेने के बाद जांच को कहा गया था। धारा की बात किसान से नहीं पूछी गई है।
-जितेन्द्र सिंह, इंस्पेक्टर सरधना
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इस संबंध में किसी ने मुझसे शिकायत नहीं की है। अगर इंस्पेक्टर सरधना ने ऐसा कहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
-के. सत्यनारायण, एसएसपी।
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फसल नष्ट होने जैसे अपराध में धारा 427 व 435 आइपीसी का मामला बनता है। जिनमें दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
-अनिल बख्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता
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