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    पासिंग आउट परेड के बाद पुलिस महकमे में 113 दारोगा शामिल, वाराणसी के योगेंद्र पांडेय बने सर्वांग सर्वोत्तम

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 09:57 PM (IST)

    मेरठ में कोतवाल धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में पासिंग आउट परेड के बाद 113 दारोगा पुलिस महकमे में शामिल हो गए। इन्होंने 12 महीने की इंडोर और आउटडोर ट्रेनिंग पूरी की, जिसमें वाराणसी के योगेंद्र पांडेय सर्वांग सर्वोत्तम रहे। यह उत्तर प्रदेश का पहला बैच है जिसे नई भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के तहत प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें साइबर अपराध भी शामिल है। 

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    जागरण संवाददाता मेरठ। कोतवाल धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में सोमवार को पासिंग आउट परेड के बाद पुलिस महकमे में 113 दारोगा शामिल हो गए। 2024 में आयोजित पुलिस भर्ती में चयनित उपनिरीक्षकों की 12 माह से इंडोर और आउटडोर ट्रेनिंग चल रही थी। ट्रेनिंग में वाराणसी के योगेंद्र पांडेय सर्वांग सर्वोत्तम बने हैं। जौनपुर के सुमित पांडेय को इंडोर में प्रथम स्थान मिला है। पासिंग आउट परेड के दौरान अभ्यर्थियों के स्वजन व रिश्तेदार भी मौजूद रहे।

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    वाराणसी के योगेंद्र पांडेय सर्वांग सर्वोत्तम के साथ आउटडोर परीक्षा में भी प्रथम स्थान पर रहे। करीब 12 माह के कड़े प्रशिक्षण के बाद 113 उप निरीक्षक सोमवार सुबह पासिंग आउट परेड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बन गए। पासिंग आउट परेड की सलामी एडीजी जोन भानु भास्कर ने ली।

    एडीजी ने ही सभी उपनिरीक्षकों को कर्तव्य निष्ठा की शपथ दिलाई। इससे पहले ही इनके जनपदों में तैनाती की सूची जारी कर दी गई। उपनिरीक्षक 2024 भर्ती में 114 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। एक अभ्यर्थी युवराज 90 दिनों की छुट्टी के बाद वापस नहीं लौटा। इसलिए 113 अभ्यर्थियों की ही ट्रेनिंग कराई गई। इसमें 87 अभ्यर्थी मृतक आश्रित कोटे से शामिल हुए हैं। ट्रेनिंग में 20 महिला अभ्यर्थियों में से 17 मृतक आश्रित कोटे से हैं।

    पासिंग आउट परेड के दौरान मृतक आश्रित कोटे के कई अभ्यार्थियों की आंखें छलक गई। वह अपनों के खोने के दर्द को महसूस कर रहे थे।

    प्रदेश का पहला बैच जिसे मिली बीएनएस में ट्रेनिंग

    एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि प्रदेश में 113 दारोगा का यह पहला बैच है, जिन्हें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के तहत ट्रेनिंग दी गई हैं। इस ट्रेनिंग में साइबर अपराध को भी प्रमुखता से रखा गया है। तकनीक से भी अवगत कराया गया।

    सभी दारोगाओं को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। प्रत्येक विवेचना में न्यायहित की बात करनी चाहिए। सभी को भ्रष्टाचार से दूर रहने की सलाह भी दी गई। प्रत्येक दारोगा को ऐसा काम करना चाहिए कि वह अपनी ड्यूटी पर गर्व महसूस करे।