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    मऊ के फतेहपुर प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन में पढ़ाई, हादसे की आशंका पढ़ाई पर भारी

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 05:23 PM (IST)

    Kitne Surakshit Hain School मऊ ज‍िले के फतेहपुर प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन में पढ़ाई हो रही है। यहां पर छात्रों की पढ़ाई पर भारी हादसे की आशंका के बीच बच्‍चों की श‍िक्षा जारी है। व‍िभागीय अध‍िकार‍ियों के दौरे के बाद भी कोई न‍िराकरण नहीं हो पा रहा है।

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    फतेहपुर प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन में पढ़ाई, नहीं हो रही सुनवाई।

    जागरण संवाददाता, मऊ।  केंद्र व प्रदेश सरकार परिषदीय व माध्यमिक विद्यालयों को कायाकल्प करने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है। पर्याप्त बजट स्वीकृत कर विद्यालयों को सजाया व संवारा जा रहा है। राजस्थान के झालावाड़ में जर्जर स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।

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    शासन-प्रशासन की लापरवाही से असमय बच्चों की जान जा रही है। राजस्थान की घटना के बाद प्रशासन भी पूरी तरह से हरकत में आ गया है। तकनीकी टीमों को भेजकर सर्वे कराया जा रहा है। दैनिक जागरण की तरफ से जर्जर स्कूलों भवनों पर अभियान की शुरुआत की गई है। मऊ से प्रस्तुत है अभियान की दूसरी कड़ी में वरिष्ठ संवाददाता जयप्रकाश निषाद की रिपोर्ट........

    भयावह है प्राथमिक विद्यालय के हालात

    जागरण टीम गुरुवार को रानीपुर विकास खंड के फतेहपुर प्राथमिक स्कूल पहुंची तो यहां की स्थिति काफी भयावह थी। विद्यालय भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसके छत के प्लास्टर टूटकर गिर रहे है। पूरे भवन पर काई लग गई है। बारिश में पूरी तरह से भवन में सीलन लग गई है। बाहर से देखने पर ही यह विद्यालय पूरी तरह से जीर्ण-शीर्ण है। अंदर बच्चे जर्जर भवन में पढ़ाई करते मिले। यहां कुल 212 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इस संबंध में बात करने पर प्रधान सुमित्रा देवी कन्नौजिया ने बताया कि कई बार विभाग में इसकी शिकायत की गई। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। इसकी वजह से मजबूरन बच्चे यहां पढ़ रहे हैं।

    ब्राह्मणपुरा उत्तर प्रथम कंपोजिट विद्यालय का भवन जर्जर, गंदगी का अंबार

    रानीपुर शिक्षा क्षेत्र के ब्राह्मणपुरा उत्तर प्रथम कंपोजिट विद्यालय के प्राथमिक विद्यालय का गुम्बदीय भवन जर्जर हो चुका है। भवन की दीवार और छत के बीच दरारें पड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं कक्ष की खिड़की दरवाजे भी जर्जर व टूट रहे है।चार ऐसे कक्ष है जिनमें कायाकल्प के तहत टाइल्स नहीं लगा। कमरों में लाइट व पंखा है पर वायरिंग नहीं हुआ है। इनके लटकते तार हादसा का कारण बन सकता है। अलग-अलग शौचालय है। जाने के रास्ता कच्चा होने से बच्चों के गिरने का भय बना रहता है। परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। बच्चों का खेल का मैदान यहां नहीं है। विद्यालय का गेट टूटा है। इसकी वजह से बेसहारा पशुओं का बसेरा बना हुआ है। ग्रामप्रधान पति रवीन्द्र राजभर ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द समस्या का समाधान करा दिया जाएगा।

    मलकौली प्राथमिक विद्यालय से गुजर रहा है हाईंटेशन तार

    फतहपुर मंडाव विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय मलकौली का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। यही नहीं विद्यालय के ऊपर से हाईटेंशन लाइन का तार गुजरा है। यह नौनिहालों के लिए खतरे का सबब बना रहता है। मलकौली में वर्ष 2012 में 20 मार्च को जब विद्यालय बंद था। इसी दौरान गांव के बच्चे खेलते हुए स्कूल की छत पर चलें गए। इस दौरान गांव के ही राजनरायण मौर्य के पुत्र श्रवण मौर्य की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। लेकिन इस घटना के 13 वर्ष बाद भी विद्यालय के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार को आजतक हटाया नहीं गया है।

    अभिभावकों की प्रतिक्रिया

    कंपोजिट विद्यालय मुड़ाडार मनियार में साफ सफाई के अभाव में शौचालय निष्प्रयोज्य बना हुआ है। शौचालय के टैंक भर गए हैं। इससे बालक और बालिकाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कीचड़ और गंदगी के चलते बच्चों को बी मारी का घर भी सताता रहता है। - ओमप्रकाश साहनी, अभिभावक बैरियाडीह।

    परिषदीय विद्यालय में पढ़ाई तो ठीक होती है। लेकिन सरकार के निर्देश के बाद भी सुविधाओं का अभाव बना रहता है। विद्यालय में रनिंग वाटर की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जर्जर विद्यालयों में छात्रों का हमेशा भय बना रहता है। - नागेश्वर, अभिभावक बैरियाडीह

    पेयजल व्यवस्था के लिए लगाई गई टोंटियां टूटी फूटी पड़ी हुई हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए अलग-अलग कैंपस हैं और दोनों में चहारदीवार बनाई गई है, लेकिन विद्यालय बंद होने पर उदंड लोग फांदकर अंदर चले जाते हैं। वह विद्यालय में लगी हुई टोंटियां तोड़ देते हैं। इससे बच्चों को पेयजल की दिक्कत होती है। - अमरनाथ राजभर, अभिभावक बैरियाडीह।

    विद्यालय पर पहुंचने के लिए रास्ते भी खराब है। जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। इससे पैदल आने-जाने में बच्चों को दिक्कत होती है। बरसात के दिनों में पानी लगे होने के कारण फिसल कर गिरते रहते हैं। - राजेश, अभिभावक बैरियाडीह

    तकनीकी टीम को विद्यालयोंं के सर्वे के लिए लगाया गया है। जिले में 115 स्कूल भवनों की हालत काफी जर्जर है। इसको चिह्नित कर विभाग ने तकनीकी टीम को लिस्ट दी थी। अभी तक तकनीकी टीम ने 38 विद्यालयों की रिपोर्ट सौंपी है। जल्द ही शासन के निर्देश पर इन्हें ध्वस्त कराया जाएगा। फतेहपुर में जर्जर विद्यालय की जानकारी नहीं है। बीईओ को मौके पर भेजकर जल्द ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। - संतोष कुमार उपाध्याय, बीएसए मऊ।