30 डिग्री के आसपास हो तापमान तभी करें गन्ने की बोआई
- जिला गन्ना अधिकारी सुनील सिंह ने किसानों को बेहतर रख-रखाव के बताए उपाय - अप्रैल से जून तक

- जिला गन्ना अधिकारी सुनील सिंह ने किसानों को बेहतर रख-रखाव के बताए उपाय
- अप्रैल से जून तक करें गन्ने की निराई-गुड़ाई, होगी अच्छी पैदावार
- शरद ऋतु में बोआई सबसे सर्वोत्तम, तापमान भी होता है अनुकूल पूर्वांचल में गन्ने की खेती से लगातार किसानों का मोहभंग होता जा रहा है। जबकि आज के समय में गन्ने सर्वाधिक आय का साधन है। ऐसे में किसान परंपरागत खेती के बदले गन्ने की बोआई करें और बेहतर आय ले सकते हैं। मंगलवार को जागरण कार्यालय में आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में जिला गन्ना अधिकारी सुनील सिंह ने गन्ने की खेती के लिए किसानों को बेहतर सुझाव दिए। उन्होंने गन्ना की बोआई के लिए शरद ऋतु को सबसे उपयुक्त बताया। वहीं अप्रैल से जून माह को इस खेती के बेहतर रख-रखाव के लिए सबसे उपयुक्त बताते हुए निराई-गुड़ाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने गन्ना किसानों की समस्याओं का निदान भी बताया। प्रश्न : गन्ने की बोआई के लिए विभाग ऐसे किसानों को क्या सब्सिडी दे रहा है।
उत्तर : गन्ने की बोआई का समय खत्म हो गया है। 15 सितंबर से 31 अक्टूबर व 15 फरवरी से 31 मार्च तक का समय गन्ना बोआई के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। अगर किसान गन्ना समितियों का सदस्य है तभी योजनाओं का लाभ उठा सकता है। प्रश्न : मेरी दो मंडा में गन्ने की पेड़ी है। इस साल तीसरा सीजन है। गन्ना काटकर उसकी सिचाई कर दी है। खेत में एक-एक हाथ के कल्ले भी निकली है। क्या इसे हम फसल के रूप में ले सकते हैं।
उत्तर : अगर आपके खेत में भरपूर कल्ले निकले हैं तो आप इसे ले सकते हैं। खेत में कहीं-कहीं अगर जमाव नहीं है तो आप सिचाई से पहले वहां गड्ढ़ा खोद दीजिए। पानी भरकर किनारे से गन्ना को गहरे से निकालकर गड्ढ़े में लगा दीजिए। प्रश्न : इस प्रचंड गर्मी में गन्ने का रख-रखाव कैसे करें।
उत्तर : इस समय पारा 40 डिग्री से अधिक है। ऐसे में किसान गन्ने के खेत में समय-समय पर सिचाई करते रहें। अगर आपके पास गन्ने की पत्तियां हों तो उसे गन्ने के बीच में बिछा दें। इससे एक तो नमी जल्दी नहीं जाएगी, दूसरा खाद का काम भी करेगा। प्रश्न : गन्ने का खेत तैयार करने में क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
उत्तर : सबसे पहले किसान जिस खेत में गन्ना लगाना चाहते हैं उसकी गहरी जोताई करें। खेत की कम से कम 30 सेंटीमीटर गहरी जोताई होनी चाहिए। साथ ही नाली विधि से ही गन्ने की बोआई करें। यह सबसे सर्वोत्तम विधि है। प्रश्न : क्या गन्ने की भी नर्सरी डाली जा सकती है।
उत्तर : अक्सर पूर्वांचल में लोग गन्ने की नर्सरी नहीं लगाते। जबकि नर्सरी लगाने में कम बीज लगता है। नर्सरी लगाने के लिए एक-एक आंख का गन्ना काट लें। उसे लगाए। ख्याल रहे कि आंख ऊपर हो। गन्ने की नर्सरी आप अपने घर के आसपास भी लगा सकते हैं। प्रश्न : खेत में लगभग डेढ़ बीघा पेड़ी लगी है। इसका बेहतर रख-रखाव कैसे करें।
उत्तर : पेड़ी की भी निराई-गुड़ाई अवश्य करें। अक्सर लोग वैसे ही छोड़ देते हैं। ऐसा न करें। निराई-गुड़ाई करने के बाद यूरिया की टाप ड्रेसिग अवश्य करें। क्योंकि पेड़ी में नाइट्रोजन की सबसे ज्यादे आवश्यकता होती है। प्रश्न : गन्ने की बोआई में किसान क्या-क्या बेसिक सावधानियां बरतें। ताकि फसल अच्छी हो।
उत्तर : गन्ने का आधे से ऊपरी वाला हिस्सा बोआई के लिए सर्वोत्तम होता है। अक्सर किसान पूरे गन्ने की बोआई कर देते हैं। ऊपरी हिस्से में जमाव बढि़या होता है। बीज को रातभर पानी में भिगो दें। बीज को उपचारित कर ही बोएं। बोते समय एनपीके का अवश्य इस्तेमाल करें। इन्होंने किए सवाल --
रंगनाथ राय पिड़उत सिंहपुर घोसी, धनंजय पांडेय सलाहाबाद, रामजी सरसेना, सुरेश यादव मुहम्मदाबाद गोहना, मिठाईलाल रतनपुरा, अशोक राम दुबारी, रामकिशोर दोहरीघाट।
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