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    यूपी के इस रूट पर 1777 करोड़ की लागत से रेल लाइन होगी डबल, नवंबर में स्पीड ट्रायल संभव

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 02:37 PM (IST)

    शाहगंज-मऊ-फेफना रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य लगभग 1777.54 करोड़ रुपये की लागत से अंतिम चरण में है। रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा बचे हुए कार्यों को तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। नवंबर के अंत तक स्पीड ट्रायल की योजना है। मऊ जंक्शन से फेफना जंक्शन तक का दोहरीकरण मार्च 2024 में पूरा हो चुका है। अब केवल सिग्नलिंग का काम बाकी है।

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    जागरण संवाददाता, मऊ। लगभग 1777.54 करोड़ रुपये की लागत से शाहगंज-मऊ-फेफना रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। कार्यदाई संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से जल्दी-जल्दी शेष बचे कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

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    उधर, रेलवे लाइन के दोहरीकरण को लेकर आधारभूत संरचना से जुड़े सभी कार्यों के पूरा होने के बाद शीर्ष रेलवे प्रबंधन की ओर से नवंबर माह के अंतिम सप्ताह तक स्पीड ट्रायल किए जाने की भी रणनीति तैयार की जाने लगी है। इससे शाहगंज से फेफना तक सफर करने वाले लाखों यात्रियों में खुशी की लहर है।

    फेफना-मऊ-शाहगंज रेलमार्ग के दोहरीकरण की परियोजना वर्ष 2021 में धरातल पर उतारी गई। प्रांरभ में परियोजना की लागत 1028.95 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में महंगाई व व्यय बढ़ने पर इसकी लागत 1777.54 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई। मऊ जंक्शन से फेफना जंक्शन तक का दोहरीकरण कार्य मार्च-2024 में ही पूरा किया जा चुका है।

    वर्तमान में मऊ से शाहगंज के बीच ही दो स्टेशनों के बीच कार्य चल रहा है। इसमें भी मऊ से खुरहट रेलवे स्टेशन के बीच केवल 12.5 किलोमीटर तक दूसरी रेलवे लाइन बिछाने का कार्य शेष था, जिसे वर्तमान में रेलवे की दूसरी पटरी बिछाकर पूरा कर लिया गया है।

    कार्यदाई संस्था के अधिकारियों ने बताया कि अब केवल सिग्नलिंग से जुड़े कार्य ही शेष हैं, अन्य सभी कार्य पूरे किए जा चुके हैं। हर हाल में नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक कार्य पूरा कर लिया जाना है।

    शाहगंज-फेफना रेलखंड के बीच शेष बचे दोहरीकरण कार्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है। आधारभूत संरचना से जुड़े कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। छोटे-मोटे कार्य ही शेष हैं। मऊ से खुरहट के बीच बहुत जल्द संरक्षा निरीक्षण के बाद स्पीड ट्रायल किया जा सकता है।
    - अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी रेल मंडल।