इस जिले में पीएम आवास योजना के लिए 59619 परिवारों का सर्वे, कौन-कौन होगा पात्र? जानें पूरा प्रोसेस
मऊ जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 59619 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा हो गया है। 15433 परिवारों ने स्वयं सर्वेक्षण किया जबकि बाकी का सर्वे सर्वेयरों ने किया। अधिकारियों ने बताया कि सत्यापन प्रक्रिया जारी है और पात्रता के आधार पर लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी। सरकार की तरफ से जारी सूची का सत्यापन गांवों में किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, मऊ। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 59619 परिवारों के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इनमें से 15,433 परिवारों ने स्वयं (सेल्फ-सर्वे) किया, जबकि शेष 44,186 परिवारों का सर्वेक्षण ग्राम पंचायतों में नियुक्त नामित सर्वेयरों द्वारा किया गया। अभी कई चक्र की प्रक्रियाएं पूरी करनी है। इसके बाद ही आवासों की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
पीडी रामबाबू त्रिपाठी ने बताया कि पीएम आवास ग्रामीण के लिए वर्ष 2024 से चल रहे सर्वेक्षण कार्य को जनपद में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। जनपद में 15 मई तक सर्वेक्षण की समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। बताया कि योजना के तहत जनपद में कुल 59,619 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया।
बताया कि सेल्फ-सर्वे करने वाले परिवारों के विवरण को भी नामित सर्वेयरों द्वारा कोरोबोरेशन (पुनः सत्यापन) की प्रक्रिया से गुजारा गया। इसके बाद भारत सरकार द्वारा रैंडम आधार पर भेजे गए डाटा का चेकर द्वारा वेरीफिकेशन कराया गया, जिसे अब पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों में यह भ्रम फैल रहा है कि जिन प्रविष्टियों का सत्यापन चेकर स्तर पर नहीं हुआ, उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया है।
कहा कि यह जानकारी पूर्णतः भ्रामक एवं तथ्यहीन है। चेकर को सत्यापन के लिए जो डाटा प्राप्त होता है, वह केवल सरकार के सिस्टम से रैंडम आधार पर ही मिलता है। यह संख्या प्रत्येक ग्राम पंचायत में अलग-अलग हो सकती है। ऐसे में यदि किसी प्रविष्टि का सत्यापन चेकर द्वारा नहीं किया गया है, तो इसका अर्थ यह नहीं कि वह प्रविष्टि सर्वे से बाहर कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त सर्वे डाटा केंद्र सरकार की वेबसाइट पर संरक्षित और सुरक्षित है।
अब आगामी प्रक्रिया के अंतर्गत खंड विकास अधिकारी एवं जनपद स्तरीय अधिकारी भारत सरकार से प्राप्त रैंडम डाटा का सत्यापन करेंगे। इसके उपरांत पात्रता के निर्धारित मानकों के आधार पर आटोमेटेड सिस्टम जनरेटेड सूची तैयार की जाएगी, जिसे विकास खंडों के माध्यम से ग्राम सभाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। ग्राम सभा में इस सूची का सत्यापन एवं प्राथमिकता निर्धारण किया जाएगा। इसके बाद स्थायी पात्रता सूची का निर्माण सरकार द्वारा किया जाएगा।
अभी आवास की सारी प्रक्रिया चल रही है। कुछ लाेग भ्रम फैलाकर जनता को परेशान कर रहे हैं। अभी सरकार की तरफ से जारी सूची का सत्यापन गांवों में किया जाएगा। इसमें जो पात्र मिलेंगे उन्हीं को आवास मिलेगा। अपात्रों को नहीं मिलेगा। साथ ही जिन लोगों का नाम सूची में नहीं है, उनका सत्यापन कर भेजा जाएगा।
प्रशांत नागर, सीडीओ मऊ।
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