ट्रेन में शौच करने गया था यात्री, ऐसा क्या हुआ कि फिर 12 घंटे बाद निकला बाहर; दरवाजा खोला तो भयंकर था नजारा
मऊ रेलवे स्टेशन पर लिच्छवी एक्सप्रेस के शौचालय में बारह घंटे से फंसे यात्री अनिल को रेलवे प्रशासन ने मशक्कत के बाद बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। दिल्ली से आ रहे अनिल की तबीयत शौचालय में खराब हो गई थी और वह बाहर नहीं निकल पा रहा था। एक यात्री की सूचना पर रेल प्रशासन ने वाराणसी से आगे ट्रेन के मऊ पहुंचने पर दरवाजा तोड़कर उसे निकाला।

संवाद सहयाेगी, मऊ। लिच्छवी एक्सप्रेस में शौचालय में फंसे यात्री को बारह घंटे बाद मऊ की रेलवे प्रशासन ने स्टेशन पर मशक्कत कर बाहर निकाला और उसे अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल पर यात्री के स्वजन भी पहुंच गए हैं।
देवरिया जनपद निवासी 35 वर्षीय अनिल कुमार दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। सोमवार की शाम वह आनंद बिहार से अपने घर आने के लिए लिच्छवी एक्सप्रेस के जनरल बोगी में बैठा था। ट्रेन गाजियाबाद पहुंचने के पश्चात वह शौच करने गया, लेकिन शौचालय के अंदर उसकी तबियत खराब हो गई।
यात्रियों ने कई बार खटखटाया था दरवाजा
इसकी वजह से वह बाहर नहीं निकल पा रहा था। इस बीच यात्रियों ने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसकी चर्चा ट्रेन में यात्री एक दूसरे से करने लगे। तभी एक यात्री ने रेलवे के वेबसाइट पर इसकी सूचना डाली।
सूचना प्राप्त होते ही रेल प्रशासन हरकत में आया और कंट्रोल रूम पर यह सूचना गूंजने लगी। तब तक ट्रेन वाराणसी रेलवे स्टेशन से निकल चुकी थी। कंट्रोल रूम से सूचना मिलने के पश्चात स्टेशन मास्टर केदार कुमार के नेतृत्व में रेलवे सुरक्षा बल के जवान व चिकित्सक आदि अलर्ट हो गए।
दरवाजा तोड़कर यात्री को निकाला बाहर
स्टेशन पर ट्रेन रुकने के पश्चात अंदर से दरवाजा न खुला तो रेल प्रशासन के लोगों ने दरवाजा तोड़ कर यात्री को बाहर निकाला। इसके बाद उसे अस्पताल भेजवाया। कुछ देर बाद ही अनिल के परिवार के सदस्य भी अस्पताल पहुंच गए।
यात्री को निकालने में उप टिकट निरीक्षक राकेश कुमार, टेक्नीशियन चंद्रकांत शर्मा, सुरेश चौहान, डा. पुनीत राव, ज्योति प्रकाश, चंदन कुमार, आरपीएफ के एएसआई संजीव मिश्रा, प्रवीण गुप्ता का योगदान बेहतर रहा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।