Mau News: कुख्यात अपराधी 'काका' ने किया सरेंडर, कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा; भेजा गया जेल
मऊ जिले में फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेने के मामले में दोषी पाए गए रमेश सिंह काका ने नाटकीय ढंग से अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की टीमें उसे ढूंढ रही थीं पर वह कोर्ट में जाकर बैठ गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने काका को चार साल की सजा और 14 हजार रुपये जुर्माना सुनाया।

जागरण संवाददाता, मऊ। फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेने के मामले में दोषसिद्ध फरार चल रहा कुख्यात अपराधी रमेश सिंह काका ने शुक्रवार को साढ़े नौ बजे अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में नाटकीय ढंग से आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी तलाश में छापेमारी कर रही पुलिस की तीन टीमें हाथ मलती रह गईं। आत्मसमर्पण की सूचना पर आनन-फानन में कोतवाली, सरायलखंसी व डीसीआरबी प्रभारी मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. कृष्ण प्रताप सिंह ने काका को चार साल की सजा व 14 हजार के जुर्माना की सजा सुनाते हुए जेल भेजने का आदेश दिया।
बीते 31 मई को दोषसिद्ध होने के बाद से ही काका फरार चल रहा था। सजा के दिन भी कोर्ट में मौजूद नहीं होने पर गैर जमांनती वारंट जारी कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस अधीक्षक इलामारन ने 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। दोषी को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमों को भी पीछे लगा दी गई थीं। इसकी सूचना मिलते ही काका सुबह कोर्ट खुलने के एक घंटा बाद लगभग आठ बजे पुलिसकर्मियों की नजरों से बचते हुए न्यायालय परिसर के अंदर जाकर आम आदमी की तरह बैठ गया। परिसर के अंदर जाने के बाद अपने अधिवक्ता से जाकर मिला। काका के अधिवक्ताओं ने पुलिस के पहुंचने से पहले की कागजात तैयार कर सीजेएम डॉ. कृष्ण कुमार सिंह की अदालत में पेश कर दिया।
बता दें कि सहादतपुर निवासी सूर्यनाथ यादव की तहरीर पर 09 जून 2020 को एफआइआर दर्ज हुई थी। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी के रिश्तेदार मुहम्मदाबाद गोहना के कोटिया मठिया निवासी भानु प्रताप यादव मुंबई में रहकर नौकरी करते हैं।
9 जून 2010 को उसे पता चला है कि उसके रिश्तेदार भानु प्रताप के रिवॉल्वर लाइसेंस की आईडी लगाकर प्रार्थना पत्र पर फर्जी फोटो लगाकर सिम प्राप्त कर दुरुपयोग किया जा रहा है। वादी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्जकर बाद विवेचना सरायलखंसी थाना क्षेत्र के कैथवली गांव निवासी परदहां ब्लाक के पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश सिंह काका और जावेद आजमी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। इसमें रमेश सिंह काका और जावेद आजमी को दोषी पाया गया था। इसमें दोषी जावेदन को उसी दिन जेल भेज दिया गया था, जबकि काका फरार चल रहा था।
शुक्रवार को नाटकीय ढंग से काका कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लगभग ढाई घंटे तक रहने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। सरेंडर की सूचना मिलते ही स्वाट व सर्विलांस टीम चौकन्नी हो गई। सादे वर्दी में पुलिसकर्मी अधिवक्ता और वादकारियों के बीच में खड़े होकर काका से मिलने वाले संदिग्धों पर पैनी नजर रखे हुई थे।

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