मुन्ना सिंह हत्याकांड में मुख्तार अंसारी समेत 8 हत्यारोपी बरी, 3 दोषी करार
बहुचर्चित मुन्ना सिंह दोहरे हत्याकांड में सदर विधायक मुख्तार अंसारी समेत आठ लोगों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आदिल आफ्ताब ने बाइज्जत बरी।
मऊ (जेएनएन)। जनपद के बहुचर्चित मुन्ना सिंह दोहरे हत्याकांड में सदर विधायक मुख्तार अंसारी समेत आठ लोगों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आदिल आफ्ताब ने बाइज्जत बरी कर दिया। जबकि इस मामले में तीन लोगों अमरेश कन्नौजिया, राजू कन्नौजिया उर्फ जामवंत तथा अरविंद यादव को दोषी करार दिया गया है।
मन्ना सिंह के भाई अशोक सिंह ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। आज से आठ वर्ष पूर्व 29 अगस्त 2009 को नगर कोतवाली क्षेत्र के गाजीपुर तिराहे पर यूनियन बैंक की शाखा के पास जनपद के चर्चित ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह व उनके साथी राजेश राय को मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने सरेशाम गोलियों से भून दिया गया था।
इसमें उनका कार चालक शब्बीर अहमद भी घायल हुआ था। इस मामले में वादी मुकदमा हरेंद्र सिंह (स्व. मन्ना सिंह के भाई) की तहरीर पर कोतवाली नगर में मऊ के सदर विधायक मुख्तार अंसारी, राकेश पांडेय उर्फ हनुमान पांडेय, पंकज सिंह, राजू उर्फ जामवंत कन्नौजिया, उपेंद्र सिंह कल्लू, रजनीश सिंह, संतोष सिंह, उमेश सिंह, अनुज कन्नौजिया, अरविंद यादव तथा अमरेश कन्नौजिया को आरोपी बनाया गया।
बाद विवेचना आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया। 8 साल तक चली सुनवाई के दौरान कुल 22 गवाहों में से 17 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया। इनमें अनेक गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। इस बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के बहुप्रतीक्षित फैसले को लेकर सुबह से ही कचहरी परिसर में पुलिस बल की तैनाती रही। हर आने जाने वाले पर पुलिस की कड़ी नजर थी।
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फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायाधीश आदिल आफ्ताब ने मामले में अमरेश कन्नौजिया, राजू कन्नौजिया उर्फ जामवंत, अरविंद यादव को दोषी करार देते हुए शेष आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया। सजा सुनाने के साथ ही तीनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया।
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