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    मऊ में मह‍िला ने SDM से की बदसलूकी, वीड‍ियो वायरल होने के बाद हुई ग‍िरफ्तार

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 10:13 PM (IST)

    मऊ में खड़ंजा लगाने के दौरान एसडीएम राजेश अग्रवाल से महिलाओं द्वारा बदसलूकी करने के मामले में पुलिस द्वारा एक महिला को गिरफ्तार करने से तहसील मुख्यालय ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ)। क्षेत्र के काठतरांव में खड़ंजा लगाने के दौरान एसडीएम राजेश अग्रवाल से महिलाओं द्वारा बदसलूकी करने के मामले में पुलिस द्वारा एक महिला को गिरफ्तार करने से तहसील मुख्यालय पर दिनभर अफरातफरी का माहौल बना रहा। हालांकि, देर शाम तक इस मामले में प्रशासन द्वारा महिला के विरुद्ध कार्रवाई की कवायद चल रही थी।

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    क्षेत्र के रामपुर थानांतर्गत काठतरांव में वर्षों पूर्व निर्मित खड़ंजा को उखाड़ दिया गया था। इसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा उसी स्थान पर नया खड़ंजा लगाया जा रहा था। जिसका गांव के ही विजय शंकर तिवारी आदि द्वारा मामला न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए विरोध किया जा रहा था।

    प्रधान द्वारा इस मामले से जिलाधिकारी को अवगत कराएं जाने के बाद डीएम ने नियमानुसार खड़ंजा लगवाने के लिए उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया गया था। सोमवार को फतहपुर मंडाव विकास खंड के कर्मचारियों और पुलिस बल के साथ जब एसडीएम मौके पर खड़ंजा लगवाने पहुंचे तो महिलाएं उग्र हो गई और खड़ंजा निर्माण का विरोध करते हुए प्रशासन से नोंक-झोंक करते हुए एसडीएम से बदसलूकी करने लगी। बाद में प्रशासन द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करते हुए खड़ंजा लगवा दिया गया।

    खड़ंजा लगवाने के दौरान प्रशासन से विवाद करने का संज्ञान लेकर पुलिस ने काठतरांव निवासी आशा त्रिपाठी को हिरासत में लेते हुए शांतिभंग की धारा में चालान कर दिया है। इस बाबत एसडीएम ने बताया कि काठतरांव के मामले में एक-एक ब‍िंदु से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उच्च स्तर से जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होगा, इसके अनुरूप विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जााएगी।

    पुलिस की भूमिका पर लगा सवालिया निशान

    मधुबन: काठतरांव में खड़ंजा निर्माण के दौरान एसडीएम और महिलाओं के बीच हो रहे नोंक-झोंक के बावजूद रामपुर पुलिस द्वारा चुप्पी साधे रहने से मौके पर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और प्रशासन बैकफुट पर आ गया था। हालांकि, बाद में क्षेत्राधिकारी की पहल पर स्थिति सामान्य हो सकी। इस मामले के इंटरनेट पर वायरल होने के बाद रामपुर पुलिस की भूमिका पर लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं।