यूपी के इस जिले में 48 हजार किसानों पर संकट, E-KYC न कराने से सम्मान निधि की 20वीं किस्त नहीं मिलेगी
मऊ जिले में 48 हजार किसानों ने ईकेवाईसी नहीं कराया है जिससे उनकी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि खतरे में है। उन्हें जून में आने वाली 20वीं किस्त नहीं मिल पाएगी। वहीं गलती से निधि सरेंडर करने वाले किसानों को दोबारा आवेदन का मौका मिलेगा। कृषि विभाग किसानों के डेटा को अपडेट कर रहा है और उप कृषि निदेशक ने ईकेवाईसी कराने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, मऊ। जनपद में 48 हजार किसानों ने अपना ईकेवाइसी नहीं कराया है। इसकी वजह से इनकी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पर संकट आ सकता है।
यह लोग जून माह में आने वाली किसान सम्माननिधि की 20वीं किस्त से वंचित हो सकते हैं। इसके साथ ही गलती से सरेंडर करने वालों पात्र किसानों को दोबारा आवेदन का मौका मिल सकता है।
जनपद के 3,43,258 किसानों ने सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए आवेदन किया है। इसमें से 3,32,529 किसानों को प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। विभाग द्वारा सम्मान निधि का लाभ पाने वाले किसानों डाटा बेस अपडेट कर रही है। ताकि अपात्राें की सही जानकारी मिल सके और अपात्रों की सम्माननिधि बंद की जा सके।
अब तक 2,84,529 किसानों ने ई-केवाईसी करा लिया है, जबकि 48 हजार किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है। इससे इन किसानों को अगली किस्त का लाभ नहीं मिलेगा। किसानों को सम्मान निधि के रूप में एक वर्ष में तीन बार दो-दो हजार रुपये कुल छह हजार रुपये खाता में भेजा जाता है।
इससे किसानों को खेती करने में काफी सहूलियत मिल रही है। उर्वरक और बीज खरीदने की खरीद के लिए बैंक और साहूकारों से ब्याज पर राशि नहीं लेना पड़ रहा है। इससे किसानों को आवश्यक सामानों को खरीदने में काफी आसानी हो रही है।
वहीं, कृषि विभाग ने गलती से सरेंडर करने वाले पात्र किसानों को दोबारा आवेदन करने का मौका दिया है। जनपद के लगभग 100 किसानों ने पात्र होने के बाद भी गलती से किसान सम्माननिधि को सरेंंडर कर दिया था। यह किसान दोबारा आवेदन करने के बाद तहसील से प्रमाणित कराकर विभाग में जमा करा सकते है।
प्रधानमंत्री सम्मान निधि पाने वाले किसानों को ई-केवाईसी अनिवार्य रूप से कराना है। अबतक 48 हजार किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है। इससे आने वाली किस्त का लाभ नहीं मिल पाएगा। तत्काल सभी लोग अपनी ईकेवाइसी करवा लें।
सत्येंद्र कुमार चौहान, उपकृषि निदेशक, मऊ
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