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    Mau News: बीटीसी कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट ने दी सौगात, बीएड करने वाले नहीं बन पाएंगे प्राइमरी टीचर

    By Jaiprakash NishadEdited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Wed, 16 Aug 2023 03:47 PM (IST)

    उच्चतम न्यायालय ने बीटीसी (डीएलएड) विद्यालयों को सौगात दे दी है। अब तक डीएलएड प्रशिक्षुओं की पर्याप्त संख्या न होने के चलते किसी तरह संचालन कर रहे इन विद्यालयों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। दरअसल अधिकांश प्रदेशों में बीएड डिग्री धारकों को भी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर आवेदन करने को अर्हता प्रदान कर दी गई है।

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    उच्चतम न्यायालय ने बीटीसी (डीएलएड) विद्यालयों को सौगात दे दी है। (फाइल फोटो)

    संवाद सूत्र, घोसी (मऊ)। उच्चतम न्यायालय ने बीटीसी (डीएलएड) विद्यालयों को सौगात दे दी है। अब तक डीएलएड प्रशिक्षुओं की पर्याप्त संख्या न होने के चलते किसी तरह संचालन कर रहे इन विद्यालयों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। दरअसल, अधिकांश प्रदेशों में बीएड डिग्री धारकों को भी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर आवेदन करने को अर्हता प्रदान कर दी गई है।

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    उधर, राजस्थान सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे जाने को वर्ष 2018 में विज्ञप्ति निकाला। बीएड डिग्रीधारकों ने भी आवेदन किया पर सरकार ने उनको अयोग्य घोषित कर दिया। राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकार के निर्णय को वैध ठहराया। बीएड डिग्रीधारक मामले को उच्चतम न्यायालय ले गए।

    सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

    उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सही ठहराते हुए स्पष्ट किया है कि सिर्फ बीटीसी (डीएलएड) डिप्लोमा धारक ही प्राथमिक विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापक भरती परीक्षा लेवल-1 के लिए पात्र होंगे। इस निर्णय का स्वागत करते हुए डीएलएड विद्यालय संचालक हरिश्चंद्र यादव, पीसी राय घुन्नू, डॉ. अजीत कुमार सिंह, सूर्यभान यादव, डॉ. ईशदत्त सिंह, निती सिंह व धर्मेंद्र राय ने कहा है कि बीएड डिग्रीधारक एलटी ग्रेड शिक्षक के सापेक्ष आवेदन कर सकते हैं। प्रबंधक राजेश राय, राकेश राय, राष्ट्र कुंवर सिंह व चंद्रमा यादव का कहना है कि विभिन्न प्रांतीय सरकारों ने यह अंतरिम व्यवस्था किया था। पूर्व में ऐसी व्यवस्था नहीं थी।