Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mau: वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पुल निर्माण के लिए और इंतजार, सरयू पर 850 की जगह बनेगा 1350 मीटर लंबा पुल

    By Jagran NewsEdited By: Riya Pandey
    Updated: Sat, 27 May 2023 10:04 PM (IST)

    दोहरीघाट (मऊ) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का जून माह में सरयू पर बन रहे पुल पर आवागमन शुरू करने की योजना फेल हो गई। अब आवागमन शुरू करने का सपना अब ड ...और पढ़ें

    Hero Image
    राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का सरयू पर 850 की जगह 1350 मीटर लंबा पुल बनेगा।

    संवाद सूत्र, दोहरीघाट (मऊ) : राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का जून माह में सरयू पर बन रहे पुल पर आवागमन शुरू करने की योजना फेल हो गई। अब आवागमन शुरू करने का सपना अब डेढ़ वर्ष आगे बढ़ गया है। अब पुल पर 850 की जगह 1350 मीटर लंबा पुल बनेगा। पुल पर 36 पिलर की जगह अब 56 पिलर बनाए जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर सरयू में नई बाजार-ओझौली पुल का 70 मीटर रोड पिछले वर्ष आई बाढ़ में नदी की धारा में बह जाने से हाहाकार मच गया था। वहीं नवंबर माह 2021 में एक लेन चालू करने का दावा करने वाली कार्यदायी संस्था जेपी ग्रुप पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया था। क्योंकि पुल का अंतिम फाउंडेशन ही बीच नदी की धारा में हो जाने से अब यह पुल निर्माण योजना दो साल पीछे चली गई। इधर जून माह में एक लेन चालू करने की योजना भी पूरी तरह फेल हो गई।

    नई बाजार-ओझौली फोरलेन पुल के अंतिम फाउंडेशन से फोरलेन रोड नदी की धारा में विलीन हो जाने से पुल की लंबाई 500 मीटर और बढ़ाई गई। पहले 850 मीटर लंबा पुल बना था। उसके बाद नदी के रेत पर ही फोरलेन रोड बन गया, जो नदी की धारा में बह जाने से 20 पिलर और ढाले जा रहे हैं। जबकि एनएचएआइ ने दावा किया था कि जून माह में हम एक लेन बनाकर दे देंगे लेकिन पुल निर्माण में इतनी ढिलाई बरती जा रही है कि जून में पुल पर एक लेन चालू करने की योजना पर पानी फिर गया। अब 2024 के अंत तक ही पुल पर आवागमन शुरू हो सकता है। पुल निर्माण में हो रही देरी को लेकर एनएचएआइ व जेपी ग्रुप के इंजीनियर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं।

    एनएचएआइ की चूक का नतीजा भुगत रही जनता

    नई बाजार के समीप सरयू पर फोरलेन पुल बनाने के नक्शे को लेकर जहां एनएचएआइ की सबसे बड़ी चूक मानी जा रही है कि आखिर कैसे नदी की पूरी धारा को देखते हुए सर्वे नहीं किया गया। क्यों नदी की लंबाई नहीं नापी गई। इतने बड़े फोरलेन के पुल को बनाने में कहां चूक हुई। इस मुद्दे पर एनएचएआइ के एजीएम रवि सक्सेना ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। कहा कि इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। सक्सेना ने कहा कि कहां से चूक हुई है यह जांच का विषय है।

    जेपी ग्रुप के ब्रिज हेड एके कुशवाहा ने बताया कि साल के अंत तक एक लेन चालू करने की तैयारी : एके कुशवाहा

    साल के अंत तक हर हाल में एक लेन चालू करने की योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है। नदी की धारा में 70 मीटर बह चुके रोड को लेकर दो लेन के लिए 20 पिलर और ढालकर पुल की लंबाई बढ़ाई जा रही है। जबकि पहले से नदी की धारा में दो लेन के लिए दो फाउंडेशन समेत 36 पिलर बनकर पहले से ही तैयार हैं। इसमे दोनों लेन पर सेग्मेंट भी रखा जा चुका था। हमारी पूरी तैयारी थी कि हम साल के अंत तक एक लेन बनाकर आवागमन चालू करा देंगे। नदी की धारा में रोड बह जाने से हम काफी पीछे हो गए हैं। हम डिजाइन ड्राइंग सेक्शन एनएचएआइ दिल्ली की रिपोर्ट के बाद तेजी से कार्य में जुटे हैं।