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    Mau News: ढाई दशक पहले लाखों रुपये की लागत से तैयार हुआ पुल, मगर इस एक वजह से हुआ बेकार साबित

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 11:12 PM (IST)

    मऊ के हाहानाला पर 1997 में बने पुल का एप्रोच मार्ग न बनने से पुल बेकार पड़ा है। पुल से क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग बारिश में आवागमन बंद होने से प ...और पढ़ें

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    मऊ-बलिया बार्डर पर हाहानाला पर बना पुल : जागरण

    संवाद सूत्र, मधुबन (मऊ)। क्षेत्र के अहिरूपुर हाहानाला पर लगभग ढाई दशक पूर्व लाखों रुपये की लागत से निर्मित पुल एप्रोच मार्ग के अभाव में बेकार साबित हो रहा है। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग पगडंडी के सहारे पुल का उपयोग कर बेल्थरारोड और बलिया जनपद की यात्रा कर रहे हैं। यही नहीं अप्रोच न बनने से बारिश में पूरी तरह से आवागमन बंद जाता है।

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    बलिया जनपद की सीमा पर स्थित हाहानाला पर तत्कालीन सांसद कल्पनाथ राय के प्रयास से शासन ने लाखों रुपये की लागत से सन् 1997 में पुल का निर्माण कराया था। यह पुल बलिया व मऊ का बार्डर है। जनपद के हिस्से में पड़ने वाले स्थान पर एप्रोच मार्ग का निर्माण हो गया था, लेकिन बलिया जनपद के हिस्से में पड़ने वाले स्थान पर अब तक एप्रोच मार्ग का निर्माण नहीं हो सका है।

    इसकी वजह से क्षेत्र के अहिरुपुर, गजियापुर, नेवादा गोपालपुर, दुबारी, लौवासाथ, अम्मा भेलऊर, मोलनापुर सहित देवारा के दर्जनों गांवों के लोगों को परेशानियों हो रही है। पुल बन जाता तो बलिया जनपद मुख्यालय, बेल्थरारोड, सिकंदरपुर, नगरा सहित बिहार के बक्सर, छपरा आदि की दूरी कम हो जाएगी। हालांकि कुछ ग्रामीण पुल के माध्यम से पगडंडी का प्रयोग करके अपनी यात्रा पूरी करते हैं।

    सपा सांसदों ने दिया समस्या के निराकरण का भरोसा

    गजियापुर में बीते 12 जनवरी स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व विधायक पंडित रामसुंदर पांडेय के पुण्यतिथि कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सपा सांसद सनातन पांडेय व राजीव राय से लोगों ने समस्या उठाया था। इस पर उन्होंने बलिया जनपद के प्रशासन व शासन में पहल करके पुल के एप्रोच मार्ग के निर्माण बनाए जाने का आश्वासन दिया था।

    पुल का निर्माण होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब बेल्थरारोड और बलिया जाना आसान हो जाएगा, लेकिन एप्रोच मार्ग के न बनने से सभी की उम्मीदें टूट गई है। -शिवचंद यादव, अहिरुपुर

    पुल के निर्माण के कुछ दिनों बाद ही तत्कालीन सांसद कल्पनाथ राय का निधन हो गया। अगर वह रहे होते तो आज एप्रोच मार्ग के लिए लोगों को तरसना नहीं पड़ता। -रिंकू मिश्र मित्तूपुर,

    पुल का एप्रोच मार्ग बन जाता तो आवागमन बढ़ जाता। सवारी वाहन चलने लगते। इससे क्षेत्र का विकास होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होते। -सत्येन्द्र यादव, प्रधान अहिरूपुर

    चुनाव में सभी प्रत्याशी पुल का एप्रोच मार्ग बनाने का वादा तो करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अन्य वादों की तरह इस मुद्दे को भी भूल जाते हैं। -प्रशांत शुक्ल, गजियापुर