उर्स के दौरान मस्जिद का इफ्तेताह
सरजमीन-ए-घोसी पर दुनियाए अहले सुन्नत के मशहूर और मारूफ आलिम रहे हजरत अल्लामा अमजद अली रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स के दौरान नई तामीर मस्जिद अमजदी रिजवी का इफ्तेताह (शुभारंभ) शुक्रवार को नमाजे जुमा से हुआ।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : सरजमीन-ए-घोसी पर दुनियाए अहले सुन्नत के मशहूर और मारूफ आलिम रहे हजरत अल्लामा अमजद अली रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स के दौरान नई तामीर मस्जिद अमजदी रिजवी का इफ्तेताह (शुभारंभ) शुक्रवार को नमाजे जुमा से हुआ।
अल्लामा ज्याउल मुस्तफा की इमामत में नगर के करीमुद्दीनपुर-बड़ागांव की सीमा पर बनी इस आलीशान मस्जिद में हजारों की तादाद में आम एवं खास सभी ने नमाज अदा किया। इसके बाद जामिया अमजदिया रिजविया के नए भवन का शिलान्यास किया गया। एशा की नमाज बाद जलसा आयोजित किया गया। अल्लामा अनीस आलम सिवानी एवं अल्लामा अबु तालिब ने मोहद्दिसे कबीर और सदरूशिरया के हवाले से खेताब करते हुए उनके कार्यों पर रोशनी डाली। बहरहाल हजरत को शिद्दत से याद करने को जुटे समूचे हिदुस्तान के ओलमा ने इस नगर को खास बना दिया। आलमी दुनिया के बेताज बादशाह फकीहे-आजमे-हिद मौलाना अमजद अली का उर्स हर वर्ष मनाया जाता है। दो दिनी उर्स में इस बार भी इस शहर ने बेहद अदब से याद कर खिराजे अकीदत पेश किया। इस्लामी दुनिया के इस नायाब हीरा की मजार पर चादरपोशी के दौरान उमड़ा सैलाब इस शख्स के बेहद खास होने का पैगाम देने को काफी रहा।