माने ग्रामीण, प्रशस्त हुआ फोरलेन निर्माण का मार्ग
जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) क्षेत्र के लाखीपुर में फोरलेन निर्माण के मार्ग में बीते दो वर्ष से

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : क्षेत्र के लाखीपुर में फोरलेन निर्माण के मार्ग में बीते दो वर्ष से बाधा बनी भुगतान की दर संशोधित होते ही रविवार को एनएचएआइ के अधिकारी, राजस्व एवं पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। प्रस्तावित भूमि की जद में आने वाले मकान एवं विशालकाय वृक्ष जेसीबी से जमींदोज कर दिए गए। सभी को भुगतान प्राप्त न होने का हवाला देते हुए ग्रामीणों ने विरोध किया पर बाद में शांत हो गए।
दरअसल ग्राम पंचायत लाखीपुर के राजस्व ग्राम तिलई बुजुर्ग, नेवादा एवं लाखीपुर के तमाम किसानों की फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि की मुआवजा दर बगल की ग्राम पंचायतों के लिए निर्धारित दर से काफी कम थी। मार्च 2018 से लेकर अब तक कभी किसान तो कभी एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने अदालत की शरण लिया। दांवपेच के बीच एनएचएआइ ने कई बार निर्माण का प्रयास किया पर ग्रामीणों के विरोध एवं मामला अदालत में लंबित होने के कारण मूर्त रूप न ले सका।
बहरहाल, अब सर्किल रेट 75 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित किए जाने पर किसानों की मुराद पूरी हुई है। कुछ किसानों को भुगतान मिल गया है जबकि कुछ की पत्रावली तैयार है। एक-दो मामले में परस्पर मुकदमा लंबित है। रविवार को एनएचएआइ के प्रबंधक नरेंद्र सिंह, उप प्रबंधक जेपी सिंह, एसडीएम डा. सीएल सोनकर, सीओ नरेश कुमार सिंह, तहसीलदार प्रेमचंद श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार राघवेशमणि त्रिपाठी, कोतवाल कुमुद शेखर सिंह, कोपागंज थानाध्यक्ष अजय त्रिपाठी, दोहरीघाट के उपनिरीक्षक अनिल द्विवेदी सहित सरायलखंसी पुलिस एवं डेढ दर्जन पीएसी के जवान मौके पर पहुंचे। भुगतान से वंचित किसानों ने मकान एवं वृक्ष काटे जाने पर विरोध जताया। अधिकारियों ने भुगतान की प्रक्रिया अंतिम चरण में होने का तर्क देते हुए ग्रामीणों को शांत किया।
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वन विभाग ने जताया आपत्ति
एनएचएआइ के अधिकारियों के निर्देश पर फोरलेन निर्माण के लिए सड़क के किनारे खड़े विशाल वृक्षों को जेसीबी से तोड़ा एवं जमींदोज किया जाने लगा। वन विभाग ने इस पर आपत्ति जताते हुए बेतरतीब कटाई से लाखों का नुकसान होने का तर्क दिया पर एनएचएआइ के अधिकारियों ने एक न सुना।
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