भगवान कृष्ण ने किया कंस का वध
- रासलीला - भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर मां-पिता को कराया मुक्त - रामकथा में रावण क

- रासलीला
- भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर मां-पिता को कराया मुक्त
- रामकथा में रावण का वध कर भगवान लौटे अयोध्या, हुआ राजतिलक
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : बरहदपुर किशुनदास बाबा की कुटी पर चल रही रासलीला एवं रामकथा के अंतिम दिन वृंदावन से पधारे कलाकारों ने रासलीला मंचन में भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध कर कारागार में बंद अपने माता-पिता देवकी व वासुदेव को मुक्त कराया।
रामकथा में फौजी बाबा ने लंकाकांड का वर्णन किया। वाराणसी से पधारे पंडित मनोज मिश्र ने लक्ष्मण शक्ति के साथ-साथ उर्मिला और सुलोचना कि कथा का विस्तार से वर्णन किया। पंडित बाल गोविन्द शास्त्री के साथ आए जहानागंज से डा. मंगला सिंह ने भगवान राम के आध्यात्मिक कथा बड़े मधुर शब्दों में सुनाई। आजमगढ़ के डीपीआरओ लालजी दूबे ने सुंदर भजन प्रस्तुत किया। पंडित बाल गोविद शास्त्री ने रावण वध और राम राजतिलक का वृतांत सुनाया। बताया कि जब रामजी रावण का वध करके अयोध्या चले तो उनके साथ सिर्फ 18 बंदर अयोध्या आए। अयोध्या में प्रवेश से पहले राम जी ने हनुमान को भरत जी के पास भेजा। हनुमान जी ब्राह्मण का वेश बनाकर गए। देखा कि भरत जी का शरीर राम वियोग में जल के बिल्कुल कृश हो गया है। आंखों से निरंतर अश्रुधारा प्रवाहित हो रही है। बैठे-बैठे सोच रहे हैं कि चौदह वर्ष तो हो गए लेकिन क्या बात है कि अभी तक राम जी नहीं आए। मुझसे ऐसी क्या गलती हो गई कि प्रभु ने मुझे कुटिल जानकर बिसरा दिया। तभी हनुमान जी उनके सम्मुख प्रकट हुए और राम के आगमन का समाचार सुनाया। राम के आगमन का समाचार सुनकर भरत जी गदगद हो गए उन्होंने हनुमान जी को गले से लगा लिया। राम जी को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ अयोध्या का राजा बनाया गया। सबसे पहला तिलक गुरु वशिष्ठ जी ने किया। भजन गायक सत्यप्रकास सिंह के भजनों से पुरा वातावरण गुंजायमान रहा। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. उमेश सरोज और उनकी पत्नी भाजपा नेत्री पूनम सरोज ने किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।