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Leprosy Disease: समय से हो उपचार तो कुष्ठ रोग से भी मिलेगी निजात, सरकारी योजनाओं से रोगियों के जीवन में सुधार

Leprosy Diseaseसरकार के निर्देशानुसार संक्रमित मरीज के घर के अगल बगल दस घरों के लोगों को पोस्ट एक्सपोजर फाइल एक्ससेज के अंतर्गत दवा सरकार के खर्चे पर खिलाई जाती जाती है। यह इस रोग को जन समुदाय में फैलने से रोकती है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Wed, 24 May 2023 01:13 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2023 01:13 PM (IST)
समय से हो उपचार तो कुष्ठ रोग से भी मिलेगी निजात, सुन्न और दाग-धब्बों का होना है बीमारी की पहचान

मऊ, जागरण संवाददाता। कुष्ठ रोग या कोढ़ एक ऐसी बीमारी है, जिसको हो जाए वो इसके इलाज से ज्यादा लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता से ग्रस्त हो जाता है। कुष्ठ रोग की बीमारी को हमारे फ्राचीन काल में एक अभिशाप माना गया, लेकिन आज के समय से भी इसे लोग एक श्राप की ही तरह देखते हैं। हालांकि सच्चाई अब इससे बिल्कुल अलग है। विज्ञान और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी मेहनत के बाद अब इस अभिशाप का भी इलाज संभव है।

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कुष्ठ एक बीमारी है, कोई अभिशाप नहीं है। इसका उपचार संभव है। सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने के बाद कुष्ठ रोगियों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है। सर्जरी विधि से उपचार से मरीजों को काफी लाभ मिला है।

जीवाणु माइक्रो बैक्टीरिया लैप्री द्वारा फैलता है

सीएमओ डा. एन अग्रवाल ने बताया कि कुष्ठ रोग जीवाणु माइक्रो बैक्टीरिया लैप्री द्वारा फैलता है। यह 100 प्रतिशत कुष्ठ संक्रमित रोगी, जिसने कभी दवा नहीं खाई उसके के खांसने व छींकने से निकलने वाले कीटाणुओं के नए व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने के साथ लंबे समय तक त्वचा संपर्क में रहने से फैलता है।

सरकार के निर्देशानुसार संक्रमित मरीज के घर के अगल बगल दस घरों के लोगों को पोस्ट एक्सपोजर फाइल एक्ससेज के अंतर्गत दवा सरकार के खर्चे पर खिलाई जाती जाती है। यह इस रोग को जन समुदाय में फैलने से रोकती है। कुष्ठ रोग के सामाजिक संक्रमण को रोकने के लिए सरकार के निर्देशानुसार संक्रमित मरीज के घर के अगल बगल दस घरों के लोगों को पोस्ट एक्सपोजर फाइल एक्ससेज के अंतर्गत दवा सरकार के खर्चे पर खिलाई जाती जाती है।

कुष्ठ रोगियों को इलाज के लिए दी जाती है राशि

जनपद में विभिन्न तरह के अभियान चलाकर कुष्ठ के संभावित मरीज को जांच के लिए द लेप्रोसी मिशन (टीएलएम) नैनी, प्रयागराज या री-कन्सट्रेटिक सर्जरी (आरसीएस) अयोध्या भेजा जाता है। पहले पहली सर्जरी के बाद ही मरीज को 4000 रुपये दिए जाते हैं। फिर एक महीने बाद 2000, तीसरे महीने आखिरी में 2000 रुपये मिलते है। इस प्रकार कुष्ठ के रोगी को कुल आठ हजार रुपये दिये जाते हैं। इसका उद्देश्य है कि सर्जरी के बाद कुष्ठ के रोगियों को सम्मान की नजर से देखा जाए। इसके बाद कुष्ठ से दिव्यांग रोगियों को इलाज के बाद संबंधित सुविधाओं साथ सरकार की ओर से 2500 रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है।

दो मरीजों को किया गया रेफर

कोपागंज ब्लाक के कोइरियापार के 35 वर्षीय रामसूरत और शहर के अस्तुुपुरा निवासी 72 वर्षीय गनेश को भी कुष्ठ से विकृति की दिक्कत को ऑपरेशन के लिए रेफर किया गया है।

सर्जरी ने बदली इम्तियाज की जिंदगी

ऑपरेशन का लाभ नगर क्षेत्र के डोमनपुरा निवासी साड़ी बुनाई का लूम चलाने वाले 52 वर्षीय इम्तियाज ने बताया कि लगभग 20 वर्ष में कुष्ठ रोग के कारण उसके दोनों हाथ के उगलियां टेढ़ी हो गई थी। प्रयागराज में बाएं हाथ का आपरेशन किया गया। उससे आराम है। अब साड़ी बुनाई में परिवार का हाथ बंटा लेते हैं।


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