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    मऊ में तेज हवा और बारिश में गिरी मकान की दीवार, पेड़ भी धराशायी, सड़कें तक जलमग्न

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 06:21 PM (IST)

    मऊ जिले में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला अस्पताल और फातिमा अस्पताल में पानी घुसने से मरीजों की दिक्कतें बढ़ गईं। कई स्थानों पर मकानों की दीवारें गिर गईं और पेड़ उखड़ गए कच्‍चे मकान भी कई जगह ग‍िरे हैं।

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    कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बारिश धान की फसल के लिए फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है।

    जागरण संवाददाता, मऊ। जिले में शुक्रवार दोपहर से शुरू हुई बारिश रातभर हुई। इस मूसलधार बारिश ने नगर पालिका की तमाम तैयारियों की पोल खोल कर रख दी। शनिवार को सुबह होते-होते हालात यह हो गए कि जिला अस्पताल परिसर, फातिमा अस्पताल, मुख्य सड़कें, बाजार, मोहल्ले और गलियां पानी-पानी हो गईं।

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    नाले-नालियों की सफाई न होने के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया। स्थिति यह थी कि नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगा, जिससे लोगों को भारी दुर्गंध और संक्रमण के खतरे के बीच अपनी दिनचर्या पूरी करनी पड़ी।

    लोगों का आरोप है कि नगर पालिका की तरफ से न कोई चौकसी, न कोई व्यवस्था की गई। इसकी वजह से हर कोई परेशान नजर आया। अधिकतम तापमान 29 डिग्री से गिरकर 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री से 24 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। बारिश की वजह से नगर के नगर के एलआइसी गली में एक मकान की दीवार गिर गई।

    शुक्रवार को दोपहर से ही बारिश का क्रम शुरू हुआ तो दिनभर रिमझिम बारिश हुई। इसके बाद रात में झमाझम बारिश हुई।शनिवार को सुबह दस बजे तक झमाझम बारिश होती रही। इसकी वजह से शहर की प्रमुख सड़कों जैसे गाजीपुर तिराहा, बलिया रोड, मुहम्मदाबाद मार्ग, इंदारा चौराहा, आइटीआइ कालोनी समेत शहर के सहादतपुरा व ब्रह्मस्थान की एलआइसी गली में कई फुट तक पानी जमा हो गया।

    दोपहिया वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सभी पालिका की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे थे। कई कालोनियों और पुराने मोहल्लों की हालत और भी बदतर रही। जिन इलाकों में नालों की ठीक से सफाई नहीं हुई थी, वहां गंदा पानी घरों के भीतर तक पहुंच गया।

    स्थानीय निवासी राजू सिंह ने बताया कि हर साल नगर पालिका सफाई का दावा करती है, लेकिन जमीनी हालात नहीं बदलते। गलियों के नाले जाम हैं और बारिश में सारा गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है।

    करहां संवाददाता के अनुसार रानीपुर थाने के शमशाबाद गांव में ग्राम प्रधान गीता यादव के दरवाजे पर खड़ा पाकड़ का पेड़ अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। इसके नीचे दो भैंसें व एक पड़िया दब गईं।

    ग्रामीणों ने बारिश में भींगकर डालियां काटकर किसी तरह पशुओं को बाहर निकाला। मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र के पड़ेरुवा गांव में 440 वोल्ट के बिजली तार पर एक पुराना पीपल का पेड़ गिर गया। इससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।

    बारिश का धान की फसलों पर दोहरा असर

    धान की फसलों पर बारिश का दोहरा असर पड़ा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जिन स्थानों पर धान की बालियां फूटने वालीं हैं, उनके लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हुई है। हालांकि तेज हवा के साथ हुई बारिश से उन बड़ी डंठल वाली धान की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिनमें बालियां आ चुकी थीं और वह जमीन पर गिर गई हैं। कृषि अधिकारी सोम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि बारिश से धान की फसल को काफी फायदा मिलेगा। पिछैती रोपी गई धान की फसल अब बेहतर होगी।

    अस्पताल परिसर में पानी घुसने से मरीज बेहाल

    सबसे चिंताजनक स्थिति फातिमा अस्पताल की देखी गई, यहां इमरजेंसी वार्ड से लेकर ओपीडी परिसर तक पानी भर गया। मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटाकर ले जाना मुश्किल हो गया। तीमारदारों को गंदे पानी में घुटनों तक चलकर अस्पताल में प्रवेश करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन पूरी तरह बेबस नजर आया।

    जहां-जहां जलजमाव की स्थिति बनी है वहां कर्मचारियों को भेजकर दिखवाया जाएगा। साथ ही साफ-सफाई करवाकर जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी। - दिनेश कुमार, अधिशासी अधिकारी, मऊ।