Mau News: अल्पसंख्यक के लिए संजीवनी साबित हुई सरकार की ODOP योजना, कारोबारियों के हुनर को मिली नई पहचान; 90% को मिला लाभ
सरकार की तरफ से वर्ष 2019 में ओडीओपी-प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना लागू की गई। इसके तहत अकुशल कारीगरों को 10 दिन का प्रशिक्षण देकर के इन्हें टूलकिट किया जा रहा है। ताकि यह अपने कारोबार को आगे बढ़ा सके। लगभग चार साल में जनपद में करीब 1300 बुनकरों को लाभान्वित किया गया। इसमें बुनकरों को टूलकिट पावरलूम रिपेयरिंग टूल बाइंडिंग मशीन आदि प्रदान किया गया।

जयप्रकाश निषाद, मऊ। सरकार की तरफ से चलाई जा रही ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट) योजना अल्पसंख्यक व बुनकरों के लिए संजीवनी साबित हुई। इस योजना का लाभ 90 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग को मिला। इससे इनके कारोबार की गाड़ी फर्राटा भर रही है। इसी प्रकार सीएम व पीएम विश्वकर्मा योजना में भी लगभग 15 प्रतिशत बेरोजगार अल्पसंख्यकों को रोजगार मिला है।
सीएम विश्वकर्मा योजना में अब तक 3150 बेरोजगारों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिया गया है। सरकार की इन योजनाओं से अल्पसंख्यक वर्ग को काफी लाभ मिला है। ऐसे में सरकार की योजना से अल्पसंख्यक वर्ग काफी खुश है।
सरकार ने 2019 में ओडीओपी प्रशिक्षण-टूलकिट योजना की लागू
सरकार की तरफ से वर्ष 2019 में ओडीओपी-प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना लागू की गई। इसके तहत अकुशल कारीगरों को 10 दिन का प्रशिक्षण देकर के इन्हें टूलकिट किया जा रहा है। ताकि यह अपने कारोबार को आगे बढ़ा सके। लगभग चार साल में जनपद में करीब 1300 बुनकरों को लाभान्वित किया गया। इसमें बुनकरों को टूलकिट, पावरलूम रिपेयरिंग टूल, बाइंडिंग मशीन आदि प्रदान किया गया।
घोसी लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बुनकर है। ऐसे में बुनकरों के कारोगार को पंख लग गए हैं। वर्ष 2017 में योगी सरकार बनने के बाद सीएम विश्वकर्मा योजना लागू की गई थी। इस योजना से बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए नई पहल की गई थी।
योजना के कम प्रसार से मात्र 100 लोगों को मिला था रोजगार
वर्ष 2018-19 में योजना का कम प्रचार प्रसार होने की वजह से मात्र 100 लोगों को रोजगार मिला था। इसके बाद लगातार आवेदकों की संख्या बढ़ी और लगभग छह साल में यह संख्या तीन हजार के पार पहुंच गई है। 2018-19 में 100, 2019-20 में 250, 2020-21 में 525, 2021-22 में 700, 2022-23 में 800 व 2023-24 में 775 लोगों को लाभान्वित किया गया।
इसी प्रकार पिछले वर्ष सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की। इसके तहत करीब 4000 लाभार्थियों के आवेदन को हरी झंडी मिल गई है। इसमें भी लगभग 10 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल हैं। आचार संहिता खत्म होते ही इन आवेदकों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल जाएगा।
सरकार की योजना से चल रही गाड़ी
शहर के अस्तुपुरा निवासी मुमताज अहमद को वर्ष 2019-20 में सरकार की योजना से लाभ मिला। उसे पावरलूम रिपयेरिंग व बाइंडिंग किट मिली। इसके बाद वह अपने क्षेत्र में रिपेयरिंग का काम करता है। इसके एवज में उसे अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। इससे उसके परिवार की गाड़ी अच्छे रूप से चल रही है। सरकार की यह योजना बेहद सराहनीय है।
ओडीओपी से मिला रोजगार
शहर के भटकुआ निवासी मोहम्मद साद ने बताया कि वह 2023-24 में टूलकिट लिया है। उसे भी पावरलूम रिपयेरिंग व बाइडिंग किट मिली। पहले वह बेरोजगार बैठा था। टूलकिट मिलने के बाद अब रोजगार को मोहताज नहीं है। अपने परिवार का आजीविका का साधन बन गया हूं।
उपायुक्त उद्योग विभाग राजेश रोमन के अनुसार, सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक वर्ग को मिल रहा है। यही नहीं इनके बुनकरी कारोबार को गति मिली है। उन्हें सरकार ने टूलकिट देकर रोजगार को बढ़ाया है। ऐसे में इनको दूसरे प्रांत व देश में जाकर रोजी रोटी के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है।
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