Flood In Saryu River : मऊ में खतरा बिंदु से डेढ़ मीटर ऊपर सरयू का जलस्तर, 1998 के आंकड़े को पीछे छोड़ा
Saryu River In Mau पूर्वांचल की प्रमुख नदियों में इन दिनों उफान का दौर है। मऊ जिले में सरयू नदी का जलस्तर शनिवार की सुबह खतरा बिंदु से डेढ़ मीटर ऊपर होने की वजह से दुश्वारियां जस की तस हैं।

मऊ, जागरण संवाददाता। तेजी से उफान की तरफ बढ़ रही सरयू का जलस्तर शनिवार को स्थिर हो गया लेकिन जलमग्न क्षेत्रों में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की तरफ से लंगर की व्यवस्था की जा रही है लेकिन अभी तक स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। नदी का पानी अभी भी खबरा बिंदु से 1.50 मीटर पर बना हुआ है। खतरा बिंदु 69.90 है जबकि नदी का जलस्तर 71.40 है।
बाढ़ में अभी भी करीब 150 घर डूबे हुए हैं। दोहरीघाट व मधुबन के कई गांव घिर गए हैं। गांवों से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। लोगों को शरणार्थी शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। दोहरीघाट के तीन मुहल्लों में चार-पांच फीट पानी लग जाने के चलते आवागमन के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।
शुक्रवार की देर रात को सरयू नदी का जलस्तर सन् 1998 के 67.47 मीटर के आंकड़े को पार कर 67.52 मीटर पर पहुंच गया था। हालांकि शनिवार की भोर में दो सेमी नीचे आकर जलस्तर स्थिर हो गया है। इससे बंधों पर दबाव काफी बढ़ गया है। और जगह जगह रिसाव होने से बंधों के टूटने की आशंका में ग्रामीण दहशतज़दा है। क्षेत्र में सरयू नदी की चपेट में आने से 31 गांव के लोगों का आवागमन पुरी तरह ठप हो गया है।
सैकड़ों घरों में पानी घुस जाने से पीड़ित बंधों और शरणार्थी शिविर में शरण लिए हुए है। चौहानपुर, मिश्रौली, कुवंरपुरवा सहित कई स्थानों पर पानी के दबाव के चलते बंधों में रिसाव शुरू हो गया है। वहीं जलस्तर बढ़ने से पुरी रात प्रशासन के साथ ही ग्रामीण भी रतजगा करते रहे हैं।
प्रशासन का सारा अमला शुक्रवार को जिलाधिकारी के नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। हर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके बाद प्रशासनिक महकमा बंधे पर डेरा डाले हुए हैं। फिलहाल अभी भी तमाम परिवार के लेाग अपने छत पर रह रहे हैं। कुल मिलाकर स्थिति काफी दुरुह है।
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