Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मऊ में फर्जी कागजात बनाकर जमानत लेने वाले गिरोह के नौ सदस्यों पर केस

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 07:11 PM (IST)

    मऊ में पुलिस ने फर्जी कागजात के आधार पर जमानत लेने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि यह गिरोह फर्जी दस्तावेज जमा करके लोगों को जमानत दिलवाता था। पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। 

    Hero Image

    जांच में पता चला है कि गिरोह ने आजमगढ़, बलिया और देवरिया में भी फर्जी जमानतें कराई हैं।

    जागरण संवाददाता, मऊ : फर्जी कागजातों पर जमानत लेने वाला गिरोह पकड़ में आ गया है। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने नौ सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। यह प्राथमिकी प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने दर्ज कराई है। आरोप हैं कि यह गिरोह बनाकर और फर्जी कागजात कोर्ट में जमाकर लोगों की जमानत लेते थे।
    नामजद लोगों में घोसी कोतवाली क्षेत्र हडहुआ निवासी तारा देवी, गाजीपुर जनपद के सरायगोकुल निवासी रामधारी, चंद्रशेखर, गाजीपुर जनपद के बिरनो थाना क्षेत्र के राजापुर निवासी सुमित्रा ऊर्फ विमल, आजमगढ़ के कंधरापुर निवासी दुर्गविजय सिंह, मिश्रीलाल, घोसी थाना क्षेत्र के दौलतपुर निवासी रंजना ऊर्फ रेनू, आजमगढ़ जिले के जीयनपुर थाना क्षेत्र के डिघवनिया निवासी उदयभान यादव शामिल हैं। तारा देवी की जमानत रामधारी, सुमित्रा की जमानत दुर्गविजय सिंह व मिश्रीलाल, रंजना की जमानत उदयभान यादव लिए हैं। यह जमानत कूटरचित अभिलेखों, फर्जी दस्तावेजों तथा गलत नाम-पते के आधार पर ली गई है। कोतवाल ने बताया कि सुमित्रा उर्फ विमल के फर्जी जमानतदार दुर्गविजय सिंह एवं मिश्रीलाल को फर्जी जमानत के मामले में थाना कोतवाली जनपद आजमगढ़ में 13 नवंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं अभियुक्ता रेनू उर्फ रंजना के जमानतदार उदयभान यादव के घर पर ताला लगा मिला। पड़ोसियों ने बताया कि वह नशेड़ी किस्म का व्यक्ति है तथा पैसों के लिए अजनबी अभियुक्तों की जमानत लेता है। जमानतदार शंकर घर पर मौजूद नहीं मिला। आस-पड़ोस के लोगों एवं स्वजन ने अभियुक्ता रेनू उर्फ रंजना को जानने-पहचानने से इंकार किया। अभियुक्ता तारा देवी उर्फ आंचल के जमानतदार रामधारी व चन्द्रशेखर के पते पर जांच करने पर ज्ञात हुआ कि इस नाम-पते के व्यक्ति वहां निवास नहीं करते और ग्राम प्रधान ने भी इसकी पुष्टि की है। प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि ये सभी एक संगठित गिरोह बनाकर कार्य करते है। आजमगढ़, मऊ, बलिया और देवरिया में भी फर्जी कागजात बनाकर जमानत कराए है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें