Mau News: मौसम के उतार-चढ़ाव से अस्पतालों में मरीजों की भीड़, अस्पताल प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट
मौसम के उतार-चढ़ाव से अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ गई है। जिला अस्पताल में फिजीशियन डाक्टर से इलाज कराने वाले मरीजों की भीड़ ज्यादा बढ़ती जा रही है। मरीजों की भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। हर स्तर पर उपचार का निर्देश दिया गया है।

संवाद सहयोगी, मऊ। मौसम के उतार-चढ़ाव से अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ गई है। जिला अस्पताल में फिजीशियन डाक्टर से इलाज कराने वाले मरीजों की भीड़ ज्यादा बढ़ती जा रही है। मरीजों की भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। हर स्तर पर उपचार का निर्देश दिया गया है।
जिला अस्पताल में प्रतिदिन आठ सौ से साढ़े आठ सौ मरीज उपचार कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे है। इसमें लगभग आधा से अधिक मरीजों ने फिजीशियन डाक्टर से उपचार कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। इससे जिला अस्पताल की ओपीडी में तीन फिजिशियन डाक्टर को तैनात किया गया है। ताकि मरीजाें को इलाज कराने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। प्रचंड धूप और गर्मी की वजह से तापमान 13 मई से 16 मई तक 40 डिग्री सेल्सियस से 42 डिग्री तक रहा।
इसकी वजह से जिला अस्पताल में चार दिनों में 3,661 मरीजों ने इलाज कराने के रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद मौसम में नरमी आने और 16 मई से लगातार तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के लोगों ने गर्मी से थोड़ी राहत जरूरत मिली, मगर पुरुआ हवा चलने की वजह से लोग उमस से तरबतर रहे। वहीं अस्पताल में लोगों को गर्मी व उमस से राहत देने के ओपीडी में जगह-जगह कूलर लगाया गया है।
इसके सामने मरीज बैठकर अपने नंबर का इंतजार कर रहे है। वरिष्ठ चिकित्सकों की मानें तो मौसम में नरमी के बावजूद भी लोगों को सतर्क रहना चाहिए। इस माैसम में वायरल बुखार के साथ ही सर्दी, जुकाम का खतरा बना रहता है।
अधिक से अधिक पानी पीने का करें सेवन
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा़ अनिल कुमार ने बताया कि गर्मी व धूप से लू और हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए लोगों को सुबह और शाम को ही घर से बाहर निकलना चाहिए। वहीं तेज धूप में जरूरी काम के लिए बाहर निकलने के दौरान छाता व गमछा का प्रयोग जरूर करें। ठंडे पेय पदार्थो के साथ ही एक दिन में दो से तीन लीटर पानी का सेवन करें। इससे लू लगने का खतरा कम रहता है। साथ ही मेहनत का काम करने वाले लोग बीच-बीच में आराम जरूर करते रहे।
मौसम को देखते हुए जिला अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। यहां पर मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा और उपचार की सुविधा मौजूद है।
- धनंजय कुमार सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल।
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