प्लेटफार्म खोदकर छोड़ा देख नाराज हुए डीआरएम, चेतावनी
जागरण संवाददाता अदरी/रतनपुरा(मऊ) वाराणसी रेल मंडल के डीआरएम रामाश्रय पांडेय ने बुध

जागरण संवाददाता, अदरी/रतनपुरा(मऊ) : वाराणसी रेल मंडल के डीआरएम रामाश्रय पांडेय ने बुधवार को इंदारा-फेफनारूट पर निर्माणाधीन विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान रतनपुरा स्टेशन के प्लेटफार्म पर केबिल डालने के लिए गड्ढा खोदकर छोड़ा देख डीआरएम ने स्टेशन अधीक्षक को चेतावनी दी। उन्होंने खोदे गए गड्ढे की तत्काल मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया। उधर, डीआरएम के निरीक्षण को लेकर दोनों स्टेशनों के कर्मचारियों में खलबली मची रही।
स्पेशल सैलून से लगभग ढाई बजे दिन में इंदारा जंक्शन पहुंचे डीआरएम ने स्टेशन मास्टर के कमरे में लगे पैनल का जायजा लिया। इसके बाद स्टेशन पर अलग-अलग स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्यों को देखा और पूछताछ की। समाजसेवी राणाप्रताप यादव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दुर्ग एक्सप्रेस, लिच्छवी, लोकमान्य तिलक, गोदान आदि ट्रेनों की इंदारा जंक्शन पर ठहराव की मांग के संबंध में ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई करने के साथ ही इंदारा स्टेशन पर शीघ्र ओवरब्रिज निर्माण किए जाने का आश्वासन दिया। रतनपुरा स्टेशन के प्लेटफार्म पर खोदे गए गड्ढे को देख डीआरएम पांडेय ने स्टेशन अधीक्षक सुशील कुमार श्रीवास्तव को आड़े हाथों लिया और तत्काल गड्ढे पटवाए जाने का निर्देश दिया। व्यापार मंडल अध्यक्ष रामनारायण साहू के नेतृत्व में व्यापारियों ने डीआरएम को ज्ञापन सौंपकर वाराणसी-छपरा इंटरसिटी एवं उत्सर्ग एक्सप्रेस का संचालन शीघ्र शुरू कराए जाने की मांग की। निरीक्षण के दौरान पीआरओ अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
रेलवे ने दीवार खड़ी कर बंद कर दिया मार्ग
जागरण संवाददाता, मऊ : दिन में 30 बार बंद होने वाली बालनिकेतन रेलवे क्रासिग के बंद होने पर प्रतिदिन लोगों की ट्रेन छूटने लगी है, इससे व्यापारियों में नाराजगी है। उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ओमर ने बताया कि शहर के लोग रेलवे स्टेशन जाने के लिए दशकों से जिस रास्ते का इस्तेमाल करते आ रहे थे, उसे रेलवे ने दीवार खड़ी कर बंद कर दिया है। शहर के बीचों-बीच होने के चलते बहुत से आटो व पैदल रिक्शा से घर से स्टेशन के लिए निकलते हैं। उधर, रेलवे क्रासिग बंद मिलने पर लोग ट्रेन न छूटे इसलिए बालनिकेतन पेट्रोल पंप से स्टेशन को जोड़ने वाली दशकों पुरानी तिरछी सड़क को पकड़कर कम समय में स्टेशन पहुंच जाते थे। लेकिन इस रास्ते को बंद कर दिए जाने से अब रोडवेज घूम कर स्टेशन पहुंचने के अलावा लोगों के पास कोई सुरक्षित रास्ता नहीं बचा है। जबकि, शहर की बड़ी आबादी रेलवे क्रासिग के पश्चिम तरफ बसी है। ओमर ने बताया कि जिलाधिकारी को मामले से अवगत कराकर समाधान मांगा गया था, लेकिन आश्वासन के दो माह बाद भी दीवार ज्यों की त्यों खड़ी है।
रेलवे प्रशासन की ओर से स्टेशन पहुंचने के सभी रास्ते ठीक करा दिए गए हैं। बाउंड्री का निर्माण रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए ही कराया गया है। व्यापारिक संगठनों की दीवार तोड़ने की मांग पर विचार किया जाएगा।
- अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, डीआरएम, वाराणसी।
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