सांप के काटने पर मरीज को सोने न दें
जागरण संवाददाता मऊ अगर सांप डस ले तो घबराने की जरूरत नहीं है। यही नहीं मरीज को भी

जागरण संवाददाता, मऊ : अगर सांप डस ले तो घबराने की जरूरत नहीं है। यही नहीं मरीज को भी ढांढस बंधाएं कि वह पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। इसके बाद फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उसे लेकर जाएं। यहां पर रात में भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी तैनात रहते हैं। वह तुरंत एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन लगाएंगे और कुछ ही देर में मरीज सामान्य हो जाएगा। यह जरूरी है कि एक-दो घंटे के अंदर मरीज को जरूर पहुंचा दें। सर्पदंश से उस स्थान पर तीव्र जलन होती है। साथ ही मिचली, उल्टी, अंग घात, अवसाद व अनैच्छिक मल-मूत्र त्याग आदि इसके तात्कालिक लक्षण होते हैं।
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मौजूद मिले डाक्टर, हो रहा था मरीजों का उपचार
सीएचसी लाइव : फतहपुर मंडाव
समय : सोमवार की रात रात्रि नौ बजे
रिपोर्टर मौके पर पहुंचा। इमरजेंसी ड्यूटी में इलाज करते मिले डा.जितेंद्र कुमार व स्टार्स नर्स किरन यादव। यहां जानकारी मिली कि सीएचसी फतहपुर मंडाव पर सांप डसने पर उपचार हो पाएगा। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबन, नेमडांड़, तिघरा अथवा दुबारी में इंजेक्शन रखने के लिए आज तक फ्रीजर की व्यवस्था नहीं हो सकी है। सीएचसी फतहपुर मंडाव में फ्रीजर होने के कारण एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध रहता है। पिछले एक साल के दौरान यहां 50 से अधिक सर्पदंश के मरीज आए। डा. जितेंद्र कुमार ने बताया कि सर्पदंश के मरीज का प्राथमिक उपचार किया जाता है और लक्षण मिलने पर उसे एंटी स्नेक वेनम लगाकर सदर अस्पताल भेज दिया जाता है, जहां वरिष्ठ चिकित्सक की देखरेख में इलाज होता है। जानकारी दी कि सांपों के दांतों में विष नहीं होते हैं। ऊपर के छेदक दांतों में विष ग्रंथि होती है। सर्पदंश के समय जब दांत धंस जाते हैं, तब उन्हें निकालने के प्रयास में सांप अपनी गर्दन ऊपर कर झटके से खींचता है। इस दौरान विष निकलकर कटे स्थान तक पहुंच जाता है। सर्पदंश के बाद लोगों को झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। मरीज को इलाज के लिए फौरन अस्पताल पहुंचाना चाहिए।
केस स्टडी ..
सर्पदंश का अंदेशा होने पर सोमवार की रात आठ बजे अजीत को लाया गया। इसका प्राथमिक उपचार किया गया और कोई लक्षण नहीं दिखने पर उसे अगले दिन इलाज के बाद घर भेज दिया गया।
सर्पदंश के लिए भरपूर है एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन
सीएचसी लाइव : मुहम्मदाबाद गोहना
स्थान : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुहम्मदाबाद गोहना
समय : रात नौ बजे
रिपोर्टर रात लगभग 9:00 बजे पहुंचे तो चिकित्सक अतुल कुमार यादव, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, वार्डब्वाय सहित कई कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात मिले। यहां सोमवार को रात्रि में सांप के डसने से संबंधित एक भी मरीज की एंट्री नहीं थी। मात्र छह से सात केस थे जिसमें सर्प जहरीले नहीं होते हैं उन्हीं के डसने से मरीजों की इंट्री मिली। अस्पताल पर यदि जहरीले सांप ज्यादातर कोबरा के डसने से मरीज पहुंचते हैं तो उसकी पूरी दवा, इंजेक्शन अस्पताल पर मौजूद हैं। किसी कारण से मरीज की हालत गंभीर होती है तो उसे तुरंत जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है। इस दौरान रात्रि में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक समेत सभी स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे और इमरजेंसी सेवा भी चालू रही। डा. अतुल कुमार यादव ने बताया कि लगभग चार हजार विभिन्न प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। इसमें लगभग पांच प्रतिशत ही सर्प जहरीले होते हैं। इनके डसने से सही समय पर इलाज न हो पाने से मरीज की मौत हो जाती है। कोबरा के डसने से मनुष्य कुछ ही समय में दम तोड़ देता है। यदि सही समय पर मरीज को अस्पताल पर पहुंचा दिया जाता है तो दवा के माध्यम से मरीज को बचाया जा सकता है। अस्पताल में इस दौरान स्टाफ नर्स शैलजा चौहान, फार्मासिस्ट राम मूरत यादव, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राम कुंवर यादव, वार्ड ब्वाय आदि उपस्थित थे।
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