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    खतरनाक हुई लहरें, भारत माता मंदिर के पास पड़ी दरार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 02 Aug 2020 07:31 PM (IST)

    जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) नेपाली पानी के चलते घाघरा के भयानक उफान से दोहरीघ ...और पढ़ें

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    खतरनाक हुई लहरें, भारत माता मंदिर के पास पड़ी दरार

    जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : नेपाली पानी के चलते घाघरा के भयानक उफान से दोहरीघाट क्षेत्र में दहशत मची है। लगातार चौथी बार लाल निशान पार की नदी अपने रौद्र रूप को धारण कर ली है। रविवार को जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। बीते 24 घंटे में लगभग 25 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है। अगर इसी रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि होती गई तो सोमवार या मंगलवार को नदी 1998 की बाढ़ का रिकार्ड भी तोड़ देगी। घाघरा की उफनती लहरों का आलम यह है कि भारत माता मंदिर के की सुरक्षा में लगाए गए बोल्डर धीरे-धीरे नदी में समा रहे हैं। इससे वहां दरारें पड़ने लगी है। क्षेत्र में बाढ़ का पानी समग्र फैल जाने से खेत जलमग्न हो गए हैं। इससे पशुपालकों के पशुचारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।

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    घाघरा का तांडव तटवर्ती इलाके में जारी है। गौरीशंकर घाट पर शनिवार की शाम जलस्तर 70.25 मीटर था, जो रविवार की सुबह 08:00 बजे 70.40 तो चार बजे 70.50 पर पहुंच गया। जबकि यहां खतरा बिदु 69.90 मीटर है। अवराडाड में जहां शनिवार की शाम 71.45 मीटर जलस्तर था, जो रविवार की प्रात: 08:00 बजे 71.60 मीटर तो चार बजे 71.70 पर पहुंच गया। यहां खतरा बिदु 70.40 मीटर है। घाघरा की धारा नवली और श्मशान घाट के समीप काफी तेज है। घाघरा की तीव्र धारा के चलते भारत माता मंदिर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बढ़ते घाघरा के जलस्तर से तटवर्ती इलाकों में खतरा बढ़ता जा रहा है। नवली, सरहरा, कीर्तुपुर, रामपुर, धनौली, रामनगर, बीबीपुर, ताहिरपुर, गौरीडीह, बेलौली, पुरमोती, गोधनी, सरयां, पतनई आदि दर्जनों गांवों में घाघरा के बढ़ते जलस्तर से लोग भयभीत हैं। चक्कीमुसाडोही गांव के कई घरों में घुसा पानी, आवागमन ठप

    जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : बीते 24 घंटे में 40 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी के साथ घाघरा का जलस्तर हाहानाला पर रविवार को 66.20 मीटर पर पहुंच गया। जो खतरा के निशान 66.31 मीटर से केवल 11 सेमी नीचे है। जलस्तर बढ़ने से देवारा के साथ ही घाघरा की तलहटी में बसे चक्कीमुसाडोही में बाढ़ की तबाही शुरू हो गई है। वहीं प्रशासन शुरूआत में ही मात्र 39 नाव लगाकर बाढ़ क्षेत्र में झांकने तक की जहमत नहीं उठा रहा है। ग्रामीण नाव की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गुहार लगा रहे हैं।

    हाहानाला पर घाघरा के खतरा के निशान के करीब पहुंचने से चक्कीमुसाडोही के सभी पुरवा के साथ ही प्राथमिक विद्यालय, पशु अस्पताल बाढ़ से घिर गए हैं। कई लोगों के रिहायशी मंडईयों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से पशुओं के रखरखाव के साथ ही ग्रामीणों को भोजन बनाने में भी दिक्कतों के सामना करना पड़ रहा है। सभी रास्ते बाधित हो जाने से ग्रामीण प्रशासन द्वारा उपलब्ध नाव के सहारे जैसे-तैसे अपना काम चला रहे हैं। देवारा का धर्मपुर विशुनपुर, सिसवा बखरिया के सभी पुरवों के साथ ही दुबारी के आधा दर्जन गांव और मोलनापुर, गजियापुर और परसिया जयरामगीरी का आंशिक भाग बाढ़ से प्रभावित हो गया है। मुख्य मार्गों के साथ ही पगडंडियों पर पानी आ जाने से ग्रामीणों का आवागमन ठप हो गया है। रविवार को जलस्तर अभी तेजी के साथ बढ़ रहा था।