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    जर्सी गाय के दूध से बढ़ा कैंसर का खतरा

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 28 Aug 2018 06:37 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, मऊ : दूध की कमी को दूर करने के लिए विदेशी नस्ल की जर्सी गाय क्या आ गई,

    जर्सी गाय के दूध से बढ़ा कैंसर का खतरा

    जागरण संवाददाता, मऊ : दूध की कमी को दूर करने के लिए विदेशी नस्ल की जर्सी गाय क्या आ गई, कैंसर और ब्लड शुगर जैसी बीमारियां घर-घर होने लगीं। जर्सी गायों के दूध से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। जबकि शोध और अनुसंधान में देशी गायों के दूध से लेकर गोबर तक में कई चमत्कारिक गुण पाए गए हैं। सभी गांवों में किसान यह संकल्प ले रहे हैं कि देशी गायों के संरक्षण और नस्ल सुधार का समय अब आ गया है। यह बातें स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय विचार विभाग प्रमुख अजय कुमार ने गांवों में 18 दिवसीय प्रवास के बाद शहर के डीसीएसके पीजी कालेज में पत्रकारों से बातचीत में कहीं।

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    विचार प्रमुख अजय कुमार ने बताया कि डील वाली देशी गाय, रेड ¨सधी, शाहीवाल, धारपाकड़, गीर आदि गायों के दूध की तुलना दुनियां की किसी प्रजाति की गाय के दूध से गुणों के आधार पर नहीं की जा सकती। देशी गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अमृत और गोबर खेतों के लिए वरदान है। कहा कि देशी गाय की आंत में एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं, जबकि जर्सी गाय के आंत में एक ग्राम में 50 से 70 लाख जीवाणु ही पाए जाते हैं। वहीं, जर्सी गायों के गोबर में कई लाख ऐसे जीवाणु पाए जाते हैं जो कृषि के लिए अनुपयोगी और फसल में रोग बढ़ाने वाले हैं। विचार प्रमुख ने कहा कि देशी गायों के संरक्षण और जैविक कृषि को बढ़ावा देकर ही स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है। देशी गायों के गुणों और जैविक खेती के तरीकों को बताने के लिए ग्रामोदय यात्रा के दौरान 350 गांवों में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 800 गांवों के लोगों ने भाग लिया। पत्रकार वार्ता के दौरान स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत प्रभारी डा.शर्वेश पांडेय एवं डा.चंद्रप्रकाश राय आदि उपस्थित थे।