मऊ में सरकारी जमीन पर बने तीन महाविद्यालयों पर चलेगा बुलडोजर, छह सदस्यीय प्रशासनिक टीम गिराएगी निर्माण
मऊ जिले में तीन सरकारी जमीन पर बने महाविद्यालयों पर बुलडोजर चलाने के लिए छह सदस्यीय प्रशासनिक टीम भी गठित कर दी है। आरोप है कि सपा नेता के परिवार ने सरकारी जमीन पर निर्माण कर तीन महाविद्यालय खोल दिया था।

जागरण संवाददाता, मऊ। समाजवादी पार्टी नेता के बेटे और बहू के कालेज पर अब बुलडोजर चलाने की तैयारी है। सरकारी तीन बीघे जमीन पर अवैध कब्जा करने के बाद उस पर डा. आंबेडकर महाविद्यालय, डा. आंबेडकर बीएड महाविद्यालय, जगरूप महाविद्यालय का निर्माण कराया गया था। पूर्व में सपा सरकार में शिकायत पहली बार हुई थी लेकिन सरकार की धौंस के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई अब अदालत ने निर्माण को गिराने का आदेश दिया है। मऊ में कोपागंज के इंदारा में तीन बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद तीन कालेजों का निर्माण किया गया था। तीनों ही कालेजों को गिराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से छह सदस्यीय टीम का गठन भी कर दिया गया है।
कोपागंज ब्लाक क्षेत्र के इंदारा गांव निवासी अवधेश राम की ओर से उच्च न्यायालय में अवमानना प्रार्थना पत्र सिविल नंबर 5236/21 अवधेश राम बनाम स्टेट आफ यूपी व अन्य में पारित आदेश 18 नवंबर 21 व रिपोर्ट बनाम रामविलास यादव धारा 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के वाद में पारित आदेश 6 जून 22 के द्वारा ग्राम इंदारा की आराजी संख्या 1533 रकबा 0.630 हेक्टेयर नवीन परती की भूमि से अवैध रूप से स्थापित डा. भीमराव आंबेडकर महाविद्यालय, डा. भीमराव आंबेडकर बीएड कालेज इंदारा व जगरूप विधि महाविद्यालय इंदारा के प्रबंधक रामविलास यादव को बेदखल करने का आदेश दिया गया है।
उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बने कोपागंज क्षेत्र के तीन महाविद्यालयों पर जल्द ही बुलडोजर गरजेगा। प्रशासन द्वारा इस पर कार्रवाई करने के लिए छह सदस्यीय राजस्व टीम भी गठित कर दी गई है। इंदारा में बने तीनों महाविद्यालय 19 सितंबर को एसडीएम सदर की मौजूदगी और सदर तहसीलदार की देखरेख में ढहाया जाना है। इसे लेकर क्षेत्र में चर्चा है।
एसडीएम सदर हेमंत चौधरी ने आदेश का मौके पर अनुपालन कराए जाने के लिए छह सदस्यीय राजस्व टीम का गठन किया है। इसमें तहसीलदार सदर संजीव कुमार यादव, तहसीलदार सदर कोपागंज अनुराग सिंह, राजस्व निरीक्षक कोपागंज रामकृति सिंह, प्रभारी क्षेत्रीय लेखपाल अभिषेक शाही, लेखपाल वैभव प्रताप सिंह और लेखपाल अश्वनी राय को शामिल किया गया है।
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